IAS Success Story: श्रीकांत जिचकर का जन्म 14 सितंबर 1954 को महाराष्ट्र के कटोल में हुआ था. उन्होंने नागपुर से MBBS और MD की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद, श्रीकांत ने लोक प्रशासन, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, संस्कृत, इतिहास, अंग्रेजी साहित्य, दर्शनशास्त्र, राजनीति विज्ञान और प्राचीन भारत के इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व में भी डिग्रियां हासिल की. उनकी 20 डिग्रियां भारत के सबसे शिक्षित व्यक्ति के रूप में उन्हें पहचान दिलाती हैं.
श्रीकांत जिचकर ने यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के बाद 1978 में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में नियुक्ति पाई. लेकिन उन्होंने कुछ समय बाद सेवा छोड़ दी और दोबारा यूपीएससी पास करके भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में शामिल हो गए. IAS (भारतीय प्रशासनिक सेवा) एक प्रेरणात्मक करियर है जो समाज की सेवा, नीति निर्माण, और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह न केवल नेतृत्व क्षमता को परखता है, बल्कि समर्पण और सुधार की दिशा भी दर्शाता है. इसके बाद, उन्होंने राजनीति में कदम रखा और 26 साल की उम्र में भारतीय विधानसभा के सबसे कम उम्र के सदस्य बन गए.
श्रीकांत जिचकर का राजनीतिक करियर बहुत ही सफल रहा. उन्होंने महाराष्ट्र विधान परिषद (1986-1992) और महाराष्ट्र विधान सभा (1980-1985) के सदस्य के रूप में कार्य किया. इसके साथ ही, वे महाराष्ट्र राज्य के राज्य मंत्री भी बने. जिचकर को 14 मंत्रालय दिए गए और 1992 से 1998 तक वे सांसद और राज्यसभा के सदस्य भी रहे. उनकी राजनीतिक उपलब्धियों में संदीपनी स्कूल की स्थापना भी शामिल है, जो उन्होंने 1992 में नागपुर में की थी.
1992 से 1998 तक जिचकर राज्यसभा के सदस्य रहे और उन्होंने समाज और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया. लेकिन 2 जून 2004 को, 49 वर्ष की उम्र में, वे एक कार दुर्घटना में निधन हो गए. यह दुर्घटना कोंढाली में हुई, जो नागपुर से लगभग 50 किलोमीटर दूर है. श्रीकांत जिचकर ने अपनी शिक्षा, राजनीति और समाज सेवा के माध्यम से भारत के इतिहास में एक अमिट छाप छोड़ी है. उनकी बहुपरकारी उपलब्धियों और शिक्षाओं की विरासत आज भी प्रेरणादायक है.