भद्राकाल में नहीं बांधी जाती है राखी
हिंदू धर्म में भद्राकाल के समय को अशुभ माना जाता है, मान्यताओं के अनुसार इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्यक्रम नहीं किया जाता है, जिसमें भाई के कलाई पर राखी बांधना भी शामिल है। असल में भद्राकाल में राखी बांधने से भाई-बहन के रिश्ते में तनाव आता है और मनोकामनाएं भी पूरी नहीं होती हैं। इसलिए भाई को राखी बांधने का पवित्र कार्य शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए। यही कारण है कि लोग राखी बांधते समय भद्राकाल का बहुत ध्यान रखते हैं, और शुभ मुहूर्त में ही राखी बांधते हैं।
भद्राकाल
भद्राकाल - पूर्णिमा तिथि के प्रारंभ के साथ भद्रा की शुरुआत होगी
भद्राकाल की समाप्ति - 19 अगस्त 2024 को दोपहर 1:30 पर
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
ऐसे में 19 अगस्त को भद्रा के कारण राखी बांधने का मुहूर्त दोपहर में नहीं है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 01:30 से रात्रि 09:07 तक रहेगा। कुल मिलाकर शुभ मुहूर्त 07 घंटे 37 मिनट का रहेगा।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त आरंभ - दोपहर 01:30 के बाद
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त समापन- रात्रि 09:07 तक
भद्राकाल की कहानी?
रक्षाबंधन के त्योहार पर भद्राकाल का विशेष ध्यान रखा जाता है। भद्रा में राखी न बंधवाने के पीछे एक प्राचीन मान्यता प्रचलित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार लंकापति राजा रावण ने अपनी बहन से भद्रा के समय ही राखी बंधवाई थी। इसलिए ऐसा माना जाता है कि भद्राकाल में राखी बांधने के कारण ही रावण का सर्वनाश हुआ था। इसी आधार पर जब भी भद्राकाल में अपने बहनों को भाइयों की कलाई पर राखी नहीं बांधती हैं। इसके अलावा एक मान्यता और है कि भद्राकाल में भगवान शिव तांडव नृत्य करते हैं इस कारण से भी भद्रा में शुभ कार्य नहीं किया जाता है।