12 साल से अपने ही घर में 'कैद' मह‍िला, कुर्सियों पर सोने को मजबूर, वजह अजीब

घर में कोई जीव आ जाए, तो दिक्‍कत तो होती ही है. लेकिन एक मह‍िला चंद छोटे-छोटे जीवों की वजह से इतनी परेशान है क‍ि 12 साल से अपने ही घर में ‘कैद’ है. रात में बेड पर सो नहीं पाती. पूरी रात कुर्सियों पर सोने को मजबूर है. ठीक से सांस भी नहीं ले पा रही है. हमेशा ग‍िरने का खतरा लगा रहता है. पूरा मामला जानकर आप हैरान रह जाएंगे.

मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, इंग्‍लैंड के वेस्ट मिडलैंड्स की रहने वाली 52 साल की रे बॉक्सली के घर पर बिज्जुओं ने कब्‍जा कर लिया है. फफूंद उनके घर में भर गई है. घर की दीवारें, छतों, और बेडरूम को फंफूद ने ढंक ल‍िया है. इनकी वजह से अधिकांश फर्नीचर काला पड़ गया है. वह बेड पर सो नहीं सकतीं. कपड़ों को दराजों में नहीं रख सकतींं, क्‍योंक‍ि फफूंदी उन्‍हें बर्बाद कर देती है. इसल‍िए उन्‍हें कैरियर बैग में रखना पड़ता है. इन जीवों की वजह से उन्‍हें सांस लेने में समस्‍या होने लगी है. हालत ये हो गई क‍ि उन्‍होंने कई महीने अपनी कार में सोते हुए बिताए.

इस वजह से आ रही दिक्‍कत

रे बॉक्सली ने कहा, ये यातनाएं 2012 में शुरू हुईं और आज तक मेरे ल‍िए‍ सिरदर्द है. नगर पाल‍िका से श‍िकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, क्‍योंक‍ि उनका कहना है कि बेजर कानूनी रूप से संरक्ष‍ित हैं. उन्‍हें मारा नहीं जा सकता. अंदर पूरा फर्श गीला हो चुका है. कालीन बिछाते ही गीली हो जाती है. फर्नीचर फेंकना पड़ा है. मुझे साइडबोर्ड और अलमारियां फेंकनी पड़ी हैं जिनमें मैं अपना सामान रखती थी. सोफा फेंकना पड़ रहा है क्योंकि इसमें फफूंदी के बीजाणु हैं. फफूंद की वजह से बिस्‍तर गीला रहता है, इसल‍िए सालों से ल‍िविंग रूम में कुर्सी पर सेने को मजबूर हैं. चारों ओर से नमी की गंध आती है. कुछ महंगे कपड़े और रजाईयां फेंकनी पड़ी हैं.

रात-रात भर जागती हूं

कुछ पैसे जुटाने के ल‍िए मह‍िला ने लोगों से मदद मांगी है. GoFundMe मुह‍िम शुरू की है, ताक‍ि वे इस घर को ठीक करा सकें. उनके मुताबिक, घर की मरम्‍मत के ल‍िए 10 लाख रुपये की जरूरत होगी. मह‍िला ने कहा, मुझ पर क्‍या बीत रही है, ये मैं ही जानती हूं. मैं बोल नहीं पाती हूं क्‍योंकि‍ मेरी नाक बंद हो जाती है. रात-रात भर जागती हूं. सोने के लिए अपने जूते पहनने पड़ते हैं क्योंकि मुझे लिविंग रूम में बहुत सारे स्लग मिलते हैं. इनमें से कई सांपों की तरह हैं. मैं यहां खाना नहीं बना सकती. कुछ खा नहीं सकती. मुझे डर है क‍ि मैं लकवाग्रस्त हो सकती हूं. मैं डर गई हूं.

2024-05-06T04:35:38Z dg43tfdfdgfd