मूवी रिव्यू: काम चालू है

'काम चालू है' की कहानी

अमूमन फिल्मों को हम मनोरंजन के लिए देखते हैं। लेकिन कुछ फिल्में ऐसी होती हैं, जो मनोरंजन के साथ कुछ ऐसा संदेश देती हैं, जो आपको हमेशा के लिए याद रह जाता है। सत्य घटना से प्रेरित यह फिल्म महाराष्ट्र के एक ऐसे शख्स की कहानी है, जो अपनी पत्नी और बेटी के साथ खुशहाल जिंदगी जी रहा है। उसकी इकलौती बेटी न सिर्फ पढ़ाई में होशियार है, बल्कि जिला स्तर पर क्रिकेट टीम की भी प्लेयर है।

क्रिकेट की ग्लैमरस दुनिया में अपनी बेटी के उन्नत भविष्य का सपना देख रहे मनोज पाटिल (राजपाल यादव) को इस बात का कतई अहसास नहीं था कि भविष्य में कुछ और लिखा है। एक दिन बेटी को स्कूल से लेकर लौट रहे मनोज का स्कूटर एक गड्ढे में फिसल जाता है। हेलमेट लगे होने के चलते वह बच जाता है, लेकिन उसकी बेटी गड्ढे में गिरकर हमेशा के लिए सो जाती है। अपनी बेटी के अचानक इस दुनिया से चले जाने से निराश मनोज पहले सिस्टम से उसका बदला लेना चाहता है। लेकिन एक दिन अचानक कुछ ऐसा होता है कि वह सिस्टम को बदलने की बजाय शहर की सड़कों के गड्ढे भरने लगता है। इसके आगे की कहानी जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।

'काम चालू है' का ट्रेलर

'काम चालू है' मूवी रिव्‍यू

फिल्म के डायरेक्टर पलाश मुच्छल ने एक बेहद महत्वपूर्ण विषय पर यह फिल्म बनाई है, लेकिन अफसोस कि कमजोर स्क्रीनप्ले के चलते वह इसे एक बेहतरीन फिल्म बनाने में नाकाम रहे। महज सवा घंटे की इस फिल्म की शुरुआत ठीकठाक होती है, लेकिन इंटरवल के बाद फिल्म कमजोर पड़ जाती है। खासकर फिल्म का सबसे महत्वपूर्ण प्लॉट आने पर डायरेक्टर उसे सही तरीके से डील नहीं कर पाते।

इसके अलावा फिल्म असल मुद्दे पर आने में भी काफी वक्त लगाती है। हालांकि राजपाल यादव ने बेहतरीन अदाकारी से उनका पूरा साथ दिया। उन्होंने दिखा दिया कि वह न सिर्फ दर्शकों को हंसाने का भरपूर दम रखते हैं, बल्कि गंभीर अदाकारी में भी उनका कोई जवाब नहीं है।

फिल्म के बाकी कलाकारों ने भी अच्छा काम किया है। फिल्म का संगीत औसत है। अगर आप इस वीकेंड पर घर बैठे एक महत्वपूर्ण विषय पर बनी फिल्म देखना चाहते हैं, तो इस फिल्म को देख सकते हैं।

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2024-04-20T04:08:23Z dg43tfdfdgfd