Akshaya Tritiya 2024: चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आखा तीज या अक्षय तृतीया के नाम से जाना जाता है. इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों अपने सबसे उज्ज्वल चरण में होते हैं. सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी बताते हैं, सूर्य मेष राशि में और चंद्रमा वृषभ राशि में होते हैं, इसीलिए अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त कहा जाता है. यानी इस दिन बिना कोई पंचांग देखे कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं. इस दिन पितरों को किया गया तर्पण तथा पिन्डदान जप, तप, हवन, स्वाध्याय और दान भी अक्षय हो जाता है. अक्षय तृतीया यदि सोमवार तथा रोहिणी नक्षत्र के दिन आए तो इस दिन किए गए दान, जप-तप का फल बहुत अधिक बढ़ जाता हैं. हालांकि इस साल अक्षय तृतीया पर शुक्र और गुरु का तारा अस्त होने से इस दिन विवाह का शुभ मुहूर्त नहीं बन रहा है. अक्षय तृतीया के दिन माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और धनपति कुबेर की पूजा की जाती है. इनके आशीर्वाद से धन, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है.
अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है. लेकिन कुछ चीजें ऐसी भी हैं, जो गलती से भी नहीं करनी चाहिए. कुछ धातु खरीदने या अक्षय तृतीया पर किसी को उधार देना जैसी कई चीजें हैं, जिन्हें करने से बचना चाहिए. इस दिन कुछ सावधानी बरतना भी जरूरी है जैसे-
– इस दिन किसी को पैसे उधार नहीं देना चाहिए.
– हो सके तो सोने-चांदी के अलावा किसी अन्य धातु की खरीद से बचें.
– इस दिन कांच के बर्तन तो बिल्कुल नहीं खरीदें.
– अक्षय तृतीया के दिन अपने घर के किसी भी कमरे में पूजा नहीं करनी चाहिए. हालांकि किसी कमरे में अंधेरा नहीं होना चाहिए
– कमरों में गंदगी नहीं रखें, उन्हें साफ सुथरा रखें. दिवाली की तरह इस दिन घर के सभी कमरों में रोशनी रखें. इससे देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी.
यह रहेगा शुभ मुहूर्त
तृतीया तिथि प्रारम्भ – मई 10, 2024 को सुबह 04:17 बजे से
तृतीया तिथि समाप्त – मई 11, 2024 को सुबह 02:50 बजे तक
पूजा का मुहूर्त : अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त 10 मई को सुबह 5.33 बजे से दोपहर 12.18 बजे तक निर्धारित है. तृतीया तिथि 10 मई को सुबह 4.16 बजे शुरू होती है और अगले दिन 2.49 बजे समाप्त होगी.
2024-05-07T10:02:02Z dg43tfdfdgfd