OVARIAN CANCER: चुपके से महिलाओं के शरीर में फैलता है ओवेरियन कैंसर, ये लक्षण कभी ना करें इग्नोर

World Ovarian Cancer Day 2024: कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है. राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के अनुसार, कैंसर शरीर में लगभग कहीं भी शुरू हो सकता है, शरीर की कुछ कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं और शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाती हैं, जो कैंसर का कारण बनती हैं.

दुनिया की सबसे घातक बीमारियों में से एक माना जाने वाला कैंसर कई तरह का होता है. जैसे स्तन कैंसर, लंग्स कैंसर, प्रोस्टेड कैंसर, गर्भाशय कैंसर आदि. इन सभी में ओवेरियन यानी डिम्बग्रंथि कैंसर महिलाओं में काफी कॉमन है. दुनिया भर में 8 मई को 'वर्ल्ड ओवेरियन कैंसर डे' मनाया जाता है. इस दिन महिलाओं को ओवेरियन कैंसर के बारे में अवेयर किया जाता है और उसके जोखिम को कैसे कम किया जा सकता है, इस बारे में जानकारी दी जाती है. ओवेरियन कैंसर क्या है, कैसे होता है, इसके लक्षण और उपाय क्या हैं, इस बारे में जान लेते हैं.

कितना कॉमन है ओवेरियन कैंसर

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक, ओवेरियन कैंसर भारतीय महिलाओं में तीसरा और दुनिया भर में आठवां सबसे आम कैंसर है. ग्लोबोकैन 2018 फैक्ट शीट के अनुसार, सभी कैंसर के मामलों के 3.44 प्रतिशत मामले ओवेरियन कैंसर के होते हैं. ये कैंसर भारतीय महिलाओं में कैंसर से मृत्यु का एक प्रमुख कारण है जो कि भारत में कैंसर से होने वाली कुल मौतों का 3.34 प्रतिशत है. पहली स्टेज में इलाज होने पर ओवेरियन कैंसर वाले मरीजों में सर्वाइवल रेट 94 प्रतिशत है. वहीं अधिकतर (62 प्रतिशत) मामलों में तीसरी और चौथी स्टेज में सर्वाइवल रेट केवल 28 प्रतिशत रह जाती है.

ओवेरियन कैंसर क्या है?

ओवेरियन कैंसर तब होता है जब आपके अंडाशय या फैलोपियन ट्यूब में असामान्य कोशिकाएं बढ़ती हैं और नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं. यह अंडाशय (ओवरी) से शुरू होता है. ओवेरियन कैंसर का पता लगाना कभी-कभी मुश्किल होता है क्योंकि इसके लक्षण अक्सर जल्दी नजर नहीं आते. यदि ओवेरियन कैंसर होता है तो यह आमतौर पर आपके पेल्विस से आपके लिम्फ नोड्स, पेट, आंत, पेट, छाती या लिवर तक फैल सकता है.

भारत में जागरुकता बढ़ाने की जरूरत

ओवेरियन कैंसर भारतीय महिलाओं में तीसरा सबसे आम प्रकार का कैंसर है. यदि इस कैंसर का पता जल्दी लग जाए तो जीवित रहने की दर 90 प्रतिशत से अधिक है. सशक्त-द ओवेरियन कैंसर फाउंडेशन की फाउंडर मेघा अहूजा बताती हैं,  'जब मेरी मां को 2018 में ओवेरियन कैंसर हुआ था तो मैंने इस बारे में कुछ रिसर्च की. जिसमें पाया कि जहां स्तन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के बारे में महिलाएं जागरुक हैं लेकिन ओवेरियन कैंसर के बारे में भारत में बहुत कम महिलाओं को जानकारी है.'

'इसका एक कारण यह है कि ओवेरियन कैंसर के लक्षण बहुत मामूली होते हैं और उन लक्षणों के इलाज के लिए अधिकतर महिलाएं घरेलू इलाज कर लेती हैं जिससे वो लक्षण दब जाते हैं. इसका कारण यह है कि उन्हें यह अहसास नहीं होता कि यह ओवेरियन कैंसर का लक्षण हो सकता है. इसलिए हर महिला को ओवेरियन कैंसर के बारे में जानकारी होनी बहुत जरूरी है.' 

ओवेरियन कैंसर का खतरा किन्हें होता है?

Clevelandclinic के मुताबिक, ओवेरियन कैंसर का सटीक कारण बताना अभी भी काफी मुश्किल है लेकिन मोटापा, 60 साल से अधिक उम्र, ओवेरियन कैंसर की फैमिली हिस्ट्री, एंडोमेट्रियोसिस, प्रेग्नेंट न होना कुछ ऐसे लक्षण हैं जो ओवेरियन कैंसर का कारण बन सकते हैं.

इंटरनेशनल एंजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के अनुसार, इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि एपिथेलियल ओवेरियन कैंसर एस्ट्रोजन हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी), तंबाकू, धूम्रपान और एस्बेस्टस के संपर्क के कारण होता है. एस्बेस्टस एक मिनरल है जो हवा में रहने पर छोटे और लंबे समय तक बने रहने वाले रेशे बनाता है. कंस्ट्रक्शन, मैनुफैक्चरिंग, माइलिंग, मैकेनिक और इलेक्ट्रीशियन जैसी कुछ इंडस्ट्री और बिजनेस वाले लोगों एस्बेस्टस के संपर्क में अधिक रहते हैं.

टैल्क-बेस्ड बॉडी पाउडर के पेरिनियल उपयोग और एक्स-रेडिएशन और गैमरैडिएशन के संपर्क में आने से भी ओवेरियन कैंसर हो सकता है. लॉन्ग एस्ट्रोजन विंडो यानी जल्दी पीरियड शुरू होना और देरी से मेनोपॉज आना, 35 की उम्र के बाद पहले बच्चे का जन्म होना भी ओवेरियन कैंसर के खतरे को बढ़ाता है.

ओवेरियन कैंसर के लक्षण क्या हैं?

कोई भी लक्षण पता लगने से पहले ही ओवेरियन कैंसर विकसित हो सकता है और पूरे पेट में फैल सकता है. इसका जल्दी पता लगाना मुश्किल हो सकता है. इसके लक्षणों में पेल्विक और एब्डोमिनल पेन, खाने पर जल्दी पेट भर जाना और जल्दी भूख लगना, वजाइनल डिस्चार्ज, एब्डोमिनल ब्लीडिंग, कब्ज, बार-बार यूरिनेशन.  

मेघा अहूजा का कहना है, 'मेरी मां को इसके लक्षण समझ नहीं आए थे लेकिन उनकी स्थिति को देखकर मैंने समझा कि ओवेरियन कैंसर के 5 प्रमुख लक्षण सूजन, बार-बार पेशाब आना, पेट में दर्द, कब्ज और हमेशा पेट भरा हुआ महसूस होना हैं. अगर मुझे मां को कैंसर का पता चलने के दो साल पहले इन लक्षणों के बारे में पता होता, तो मेरी मां आज बहुत बेहतर होतीं.' 

ओवेरियन कैंसर का पता कैसे चलता है और इलाज क्या है?

सालों की रिसर्च के बाद भी साइंटिस्ट अभी तक ओवेरियन कैंसर स्क्रीनिंग के लिए कोई टेस्ट या परीक्षण विकसित नहीं कर पाए हैं. इस कारण शुरुआती स्टेज में इसका पता लगाना काफी मुश्किल होता है. यदि आपके डॉक्टर को ओवेरियन कैंसर का जोखिम लगता है तो वह महिलाओं से लक्षण और पेल्विक टेस्ट के बारे में बात करेंगे.

इसके अलावा डॉक्टर्स पेल्विक अल्ट्रासाउंड, एमआरआई, सीटी स्कैन, पीईटी स्कैन कराने का बोल सकते हैं. ब्लड टेस्ट में CA-125 नामक पदार्थ से ओवेरियन कैंसर का पता लगाया जा सकता है. यदि आपके खून में CA-125 अधिक मात्रा में है तो कैंसर का भी खतरा हो सकता है. 

अगर किसी को ओवेरियन कैंसर का पता चलता है तो डॉक्टर सर्जिकल ट्रीटमेंट से उसका इलाज कर सकते हैं. इसके अलावा लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के दौरान सर्जन आपके पेट में एक छोटा सा कट (चीरा) लगाकर उससे एक पतला सा कैमरा पेट के अंदर डालते हैं. इससे सर्जन स्टेजिंग बायोप्सी कर सकते हैं या कुछ परिस्थितियों में ओवेरियन ट्यूमर को हटा भी सकते हैं.

ओवेरियन कैंसर की स्टेज क्या हैं?

ओवेरियन कैंसर की स्टेज का पता लगाना काफी जरूरी होता है ताकि डॉक्टर उसके मुताबिक आपका इलाज कर पाए. ओवेरियन कैंसर की चार स्टेज बताई जाती हैं. इसके लक्षण जितने अधिक होंगे, स्टेज उतनी ही गंभीर वाली होगी.

पहली स्टेज की तीन सब स्टेज होती हैं. IA, IB और IC. सब-स्टेज IA में कैंसर केवल एक अंडाशय या एक फैलोपियन ट्यूब में होता है. सब-स्टेज IB में अंडाशय या फैलोपियन ट्यूब दोनों में कैंसर होता है. सब-स्टेज IC में, कैंसर अंडाशय या फैलोपियन ट्यूब दोनों में होता है और आपके अंडाशय के बाहर तक पहुंच जाता है.

दूसरी स्टेज की 2 सब-स्टेज हैं, IIA और IIB. सब-स्टेज IIA में कैंसर अंडाशय के साथ गर्भाशय तक भी फैल गया है. सब-स्टेज IIB में कैंसर आपके पेल्विस के आस-पास फैल गया है. 

तीसरी स्टेज की पहली सब-स्टेज IIIA में कैंसर पेल्विस के बाद पेट या लिम्फ नोड्स तक फैलता है. सब-स्टेज IIIB में कैंसर का ट्यूमर 2 सेमी तक बढ़ जाता है जो पेल्विस से दूर लिफ्फ नोड्स तक फैल जाता है. सब-स्टेज IIIC में कैंसर पेल्विस एरिया से बाहर चला जाता है और ट्यूमर का आकार 2 सेमी से अधिक हो जाता है. यह लिवर, प्लीहा (तिल्ली) जैसे ऑर्गन्स को प्रभावित कर सकता है.

चौथी स्टेज में कैंसर सबसे गंभीर रूप में होता है. इस स्टेज में कैंसर लिवर, तिल्ली जैसे अंगों तक फैल चुका होता है. सब-स्टेज IVA में यह फेफड़ों तक पहुंच जाता है और सब-स्टेज IVB में, कैंसर आपके कमर के लिम्फ नोड्स या आपकी छाती तक फैल चुका होता है.

ओवेरियन कैंसर को कैसे रोक सकते हैं?

ओवेरियन कैंसर को पूरी तरह से रोकने का कोई तरीका नहीं है लेकिन अपनी फैमिली हिस्ट्री को जानकर इसके विकसित होने के खतरे को कम किया जा सकता है. कीमोथेरेपी, हार्मोन थेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, सर्जरी, टारगेटेट थेरेपी से इसका इलाज किया जा सकता है. 

इसलिए समय-समय पर डॉक्टर से संपर्क करते रहें और कोई भी लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से मिलें और उन्हें लक्षण बताएं. साथ ही साथ इसके बारे में अन्य महिलाओं को भी जानकारी दें ताकि वे ओवेरियन कैंसर को लेकर अवेयर हो सकें.

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2024-05-08T05:31:03Z dg43tfdfdgfd