SHANI DEV AARTI: शनि जयंती पर पूजा के दौरान जरूर करें शनिदेव की आरती जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी…

Shani Dev Aarti: वैशाख मास की अमावस्या तिथि को शनि जयंती का पर्व मनाया जा रहा है। शनि जयंती के दिन भगवान शनि की पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि इस दिन शनि देव की विधिवत पूजा करने के साथ सरसों का तेल, दीपक आदि जलाने के साथ अंत में आरती करें। कहा जाता है कि अगर किसी साधक शनि देव की विधिवत पूजा करने से वह जल्द प्रसन्न होते हैं और शनि की साढ़े साती, ढैय्या और शनि दोष के दुष्प्रभाव काफी कम हो सकते हैं। शनि जयंती के अलावा हर शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा के साथ अंत में ये आरती जरूर करें। आइए जानते हैं शनि देव की संपूर्ण आरती…

शनि आरती

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।

सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥

॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी ।

नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ॥

॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी ।

मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी ॥

॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी ।

लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ॥

॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

देव दनुज ऋषि मुनि सुमरिन नर नारी ।

विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ॥

॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

शनिदेव की दूसरी आरती

भगवान शनि की आरती

ॐ जय जय शनि महाराज, स्वामी जय जय शनि महाराज।

कृपा करो हम दीन रंक पर, दुःख हरियो प्रभु आज ॥ॐ॥

सूरज के तुम बालक होकर, जग में बड़े बलवान ॥स्वामी॥

सब देवताओं में तुम्हारा, प्रथम मान है आज ॥ॐ॥1॥

विक्रमराज को हुआ घमण्ड फिर, अपने श्रेष्ठन का। स्वामी

चकनाचूर किया बुद्धि को, हिला दिया सरताज ॥ॐ॥2॥

प्रभु राम और पांडवजी को, भेज दिया बनवास। स्वामी

कृपा होय जब तुम्हारी स्वामी, बचाई उनकी लॉज ॥ॐ॥3॥

शुर-संत राजा हरीशचंद्र का, बेच दिया परिवार। स्वामी

पात्र हुए जब सत परीक्षा में, देकर धन और राज ॥ॐ॥4॥

गुरुनाथ को शिक्षा फांसी की, मन के गरबन को। स्वामी

होश में लाया सवा कलाक में, फेरत निगाह राज ॥ॐ॥5॥

माखन चोर वो कृष्ण कन्हाइ, गैयन के रखवार। स्वामी

कलंक माथे का धोया उनका, खड़े रूप विराज ॥ॐ॥6॥

देखी लीला प्रभु आया चक्कर, तन को अब न सतावे। स्वामी

माया बंधन से कर दो हमें, भव सागर ज्ञानी राज ॥ॐ॥7॥

मैं हूँ दीन अनाथ अज्ञानी, भूल भई हमसे। स्वामी

क्षमा शांति दो नारायण को, प्रणाम लो महाराज ॥ॐ॥8॥

ॐ जय जय शनि महाराज, स्वामी जय-जय शनि महाराज।

कृपा करो हम दीन रंक पर, दुःख हरियो प्रभु आज॥ॐ॥

शनि जयंती पर पढ़ें ये मंत्र

शनि बीज मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।

सामान्य मंत्र- ॐ शं शनैश्चराय नमः।

शनि महामंत्र- ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥

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