WORLD THALASSEMIA DAY: थैलेसीमिया के लक्षणों को कैसे पहचानें? जानिए बीमारी के लिए पैरेंट्स कितने जिम्मेदार

What is Thalassemia: थैलेसीमिया एक इनहैरिटेड ब्लड डिसॉर्डर है जिसमें हमारा शरीर एबनॉर्मल तरीका हीमोग्लोबिन बनाले लगता है. हीमोग्लोबिन वो प्रोटीन मॉलिक्यूल है तो रेड ब्लड सेल्स को कैरी करता है. इस बीमारी के मरीजों की बॉडी में आरबीसी का डिस्ट्रकशन होने लगता है जो एनीमिया का कारण बनता है, यानी शरीर में खून की कमी होने लगी. माता और पिता में से किसी एक को भी थैलेसीमिया है तो ये बीमारी संतान को हो सकती है. ये या तो जेनेटिक म्यूटेशन के कारण होता है, या फिर कोई शास जीन फ्रैगमेंट का हट जाने से होता है. हेल्थलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक 'थैलेसीमिया माइनर' इस डिसऑर्डर का कम सीरियस फॉर्म है, लेकिन दो और फॉर्म हैं जिन्हें काफी सीरियस माना जाता है. इनके नाम हैं 'अल्फा थैलेसीमिया' और 'बीटा थैलेसीमिया'.

थैलेसीमिया के लक्षण

इस बीमारी के लक्षण हर किसी में अलग-अलग हो सकते हैं, हालांकि जरूरी नहीं है कि शुरुआत में हर किसी को वॉर्निंग साइन नजर आए, फिर कुछ शारीरिक परेशानियों को पहचानकर आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं.

 

1. गहरे रंग का यूरिन

2. ग्रोथ और डेवलपमेंट में देरी

3. हद से ज्याद थकान और सुस्ती

4. शारीरिक कमजोरी

5. स्किन का पीला पड़ जाना

6. खास तौर से चेहरे में हड्डी की विकृति

थैलेसीमिया होने की वजह

थैलेसीमिया तब होता है जब हीमोग्लोबिन बनाने वाले जींस में से किसी एक में एब्नार्मेलिटी या  म्यूटेशन होता है यह आनुवंशिक असामान्यता आपको माता-पिता से विरासत में मिलती है. अगर आपके माता-पिता में से सिर्फ एक ही थैलेसीमिया के कैरियर हैं, तो आप में 'थैलेसीमिया माइनर' नामक बीमारी विकसित हो सकती है. अगर ऐसा होता है, तो आपके शायद कोई लक्षण नहीं होंगे, लेकिन आप अपनी संतानों के लिए कैरियर जरूर होंगे. अगर आपके दोनों पैरेंट्स को ये बीमारी है को आपको इस डिजीज का खतरनाक रूप देखने को मिल सकता है. थैलेसीमिया एशिया, मिडिल ईस्त, अफ्रीका और  भूमध्यसागरीय देशों जैसे ग्रीस और तुर्की के लोगों में सबसे आम है.

थैलेसीमिया का इलाज

1. ब्लड ट्रांसफ्यूजन

2. बोन मैरो ट्रांस्प्लांट

3. दवा और सप्लिमेंट्स

4. स्पलीन और गॉल ब्लाडर की संभावित सर्जरी 

 

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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