AIIMS DOCTOR SALARY: एम्स में नहीं मिलती इन डॉक्टरों को सैलरी, बिना वेतन काम करने को मजबूर

Salary of Foreign Country Doctors in AIIMS: विदेशी रेजिडेंट्स डॉक्टरों को सैलरी देने की मांग को लेकर एम्स के डॉक्टरों ने अस्पताल प्रशासन को पत्र लिखा है। एम्स की रेजिडेंट्स डॉक्टर्स असोसिएशन (RDA) का कहना है कि जब अन्य केंद्र शासित सेंटर पीजीआई चंडीगढ़ में विदेशी रेजिडेंट डॉक्टरों को सैलरी दी जाने लगी है तो एम्स को भी सैलरी देनी चाहिए। हालांकि, यह मुद्दा आरडीए ने पहले भी उठाया था और अब एक बार फिर इस मुद्दे को लेकर एम्स के डायरेक्टर एम श्रीनिवास को पत्र लिखा है।

भारतीय डॉक्टरों के बराबर काम, लेकिन सैलरी नहीं

एम्स में कई देशों के डॉक्टर बतौर रेजिडेंट्स डॉक्टर काम करते हैं, मरीजों के इलाज में शामिल होते हैं, लेकिन उन्हें सैलरी नहीं मिलती है। अभी एम्स में ऐसे 50 से 60 विदेशी रेजिडेंट्स डॉक्टर हैं, जिनमें ज्यादातर नेपाल से हैं।

जानकारी के अनुसार प्रायोजित सीट पर ये लोग पीजी और ट्रेनिंग के लिए आते हैं। जितनी ड्यूटी भारतीय डॉक्टर करते हैं, उतनी ही ड्यूटी इनकी भी होती है, लेकिन इन्हें सैलरी नहीं मिलती है। इसलिए अब एम्स के रेजिडेंट्स डॉक्टरों ने ही अपने विदेशी साथियों की परेशानी को फिर से उठाया है।

6 साल से चल रही लड़ाई

आरडीए (Resident Doctors Association) का कहना है कि यह मामला 2018 में सामने आया था। तब इसको लेकर हेल्थ मिनिस्ट्री को पत्र लिखकर विचार करने की मांग की थी। मामला केंद्र से जुड़े सेंटर था, इसलिए एम्स के अलावा पीजीआई चंडीगढ़ (PGI Chandigarh) और जिपमर पुडुचेरी (JIPMER) में भी यह मामला उठा। बाद में इन दोनों सेंटर में विदेशी डॉक्टरों को सैलरी दी जाने लगी। लेकिन एम्स में अभी तक यह मामला अधर में है। इसलिए एक बार फिर एम्स आरडीए ने इस मुद्दे को उठाया है।

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