INDIAN SPICES: क्या मसालों में 10 गुना ज्यादा पेस्टीसाइड मिलाने की दी गई है मंजूरी? FSSAI ने बताई पूरी बात

नई दिल्ली: इन दिनों सोशल मीडिया पर कई रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि FSSAI ने मसालों में 10 गुना ज्यादा पेस्टिसाइड मिलाने की मंजूरी दी हुई है। अब इस मामले में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने सफाई दी है। इन सभी रिपोर्ट्स को एफएसएसएआई ने पूरी तरह से खारिज किया है। FSSAI के मुताबिक, ये सभी रिपोर्ट्स पूरी तरह से गलत हैं। बताया कि भारत में फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स काफी कड़े हैं। ये खबरें झूठी और भ्रामक हैं। दरअसल, FSSAI खाने की चीज़ों में कीटनाशक की मात्रा को बहुत सख्त नियमों से तय करता है। हर खाने के लिए अलग-अलग नियम होते हैं।

इतने कीटनाशक रजिस्टर्ड

नियामक ने बताया कि वो विशेषज्ञों की मदद से जांच करके ही मसालों में कौन सा कीटनाशक कितना इस्तेमाल किया जा सकता है ये तय करते हैं। भारत में 295 से ज्यादा कीटनाशक रजिस्टर्ड हैं, जिनमें से 139 सिर्फ मसालों के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं। पहले ये खबर आई थी कि FSSAI ने नियमों को कमज़ोर कर दिया है, जिससे भारतीय मसाले दूसरे देशों को नहीं बेचे जा सकेंगे। लेकिन FSSAI का कहना है कि उन्होंने सिर्फ उन कीटनाशकों के लिए नियम बदले हैं जो भारत में इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है।

इसका मतलब है कि ये कीटनाशक भारतीय मसालों में नहीं डाले जा सकते, सिर्फ बाहर से आने वाले मसालों में हो सकते हैं। यह बदलाव इसलिए किया गया क्योंकि हाल ही में कुछ मशहूर मसाला ब्रांड्स के उत्पादों में खतरनाक रसायन पाए गए थे।

इन मसाला ब्रांड पर हुई सख्ती

हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर में भारत के टॉप 2 मसाला ब्रांड एवरेस्ट (Everest) और एमडीएच (MDH) के खिलाफ कार्रवाई हुई है। दुनिया के कई देशों में भारतीय मसालों के खिलाफ जांच भी शुरू हुई थी। दोनों देशों में इन कंपनियों के कई मसालों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। वहीं ग्राहकों से अपील की गई थी कि अगर वो इन्हें खरीद चुके हैं तो इस्तेमाल न करें। इनमें तय सीमा से ज्यादा पेस्टिसाइड पाया गया था। अगर इसके संपर्क में लंबे समय तक रहा जाए तो कैंसर का खतरा होता है।

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