राज्य में ऑनलाइन जमीन मापी की प्रक्रिया बदलेगी

कौशिक रंजन

पटना। राज्य में जमीन की मापी कराने के लिए पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन की सुविधा कुछ महीने पहले शुरू हुई थी। लेकिन, अब इसकी प्रक्रिया में बदलाव करने की तैयारी हो रही है। इसकी मुख्य वजह कर्मचारी के स्तर पर इन आवेदनों के निपटारे में लापरवाही या अन्य किसी कारणों से अधिक समय लगाना है। अब नई व्यवस्था के अंतर्गत जमीन मापी के लिए आने वाले आवेदनों को कर्मचारी के पास नहीं भेजा जाएगा।

सीओ (अंचलाधिकारी) की ओर से सभी आवेदनों को सीधे अमीन के पास मापी के लिए भेज दिया जाएगा। इस प्रक्रिया में कर्मचारियों की भूमिका पूरी तरह से समाप्त कर दी जाएगी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग फिलहाल इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देने में जुटा है। चुनाव की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद ही इस पर कोई अंतिम निर्णय लिए जाने की संभावना है। फिलहाल विभागीय स्तर पर इससे जुड़े सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श किया जा रहा है।

10 दिन के स्थान पर लग रहा महीनाभर

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के स्तर से जमीन की ऑनलाइन मापी कराने के लिए ई-मापी नामक वेबसाइट बनाई गई है। साथ ही यह प्रावधान किया गया है कि इसके माध्यम से मापी के लिए आवेदन करने वाले को अधिकतम 10 दिनों में मापी करा दी जाएगी। सीओ के पास आने वाले इन आवेदनों को पहले कर्मचारी के पास भेजा जाएगा, वहां से जमीन से संबंधित सभी बातों की जांच करने के बाद इसे अमीन के पास मापी के लिए भेजा जाएगा। इसके लिए आवेदकों को एक तारीख मुहैया कराई जाती है, जिस पर उपस्थित होकर सभी संबंधित लोग मापी करवा सकते हैं। लेकिन इस मौजूदा प्रक्रिया में 10 दिन के स्थान पर जमीन की मापी संपन्न कराने में महीनेभर या इससे ज्यादा का समय लग रहा है। इससे वर्तमान में लंबित आवेदनों की संख्या 10 हजार से अधिक हो गई है।

यह है इसकी मुख्य वजह

विभागीय स्तर पर लंबित पड़े मामलों की पूरी समीक्षा करने के बाद यह बात सामने आई कि कर्मचारी के स्तर पर इन आवेदनों का निपटारा करने में काफी समय लग रहा है। कुछ मामलों में कर्मचारी अदतन इन्हें जानबूझ कर लटका कर रखे रहते हैं। इस कारण मामले का निपटारा समय पर नहीं हो पा रहा है। इसके मद्देनजर विभाग इसमें बदलाव करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।

2024-04-25T11:56:33Z dg43tfdfdgfd