Akshaya Tritiya 2024 : नईदुनिया प्रतिनिधि, कटनी। अक्षय तृतीया में हर साल जिलेभर में बड़ी संख्या में विवाह होते थे और उस दिन का विवाह कार्य बहुत शुभ माना जाता है। इस साल अक्षय तृतीया पर मुहूर्त न होने के कारण जिले के बरात घरों में शहनाई की गूंज नहीं रहेगी। सनातन मान्यतानुसार, गुरु व शुक्र ग्रह के अस्त होने पर विवाह समारोह पर विराम लग जाता है। गुरु व शुक्रोदय तक फिर विवाह नहीं होते। इस अवधि में विवाह सहित मुंडन व उपनयन संस्कार वर्जित माने जाते हैं।
पर्व पर बालिकाएं, युवतियां व महिलाएं मिट्टी के गुड्डे-गुड़ियों को सजाकर वट वृक्ष, पलाश के पेड़ के नीचे उनका ब्याह रचाती हैं और वट सावित्री पर भी उनकी विवाह गांठ खोली जाती है। गुड्डे-गुड़ियों का विवाह रचाने को लेकर बाजारों में लोग खरीदी करने पहुंच रहे हैं। मिट्टी के रंग-बिरंगे वस्त्रों से सजे गुड्डे-गुड़ियाें की दुकानें शहर के मुख्य मार्ग में सज गई हैं।
महिलाएं उनकी खरीदी करने पहुंच रही हैं तो शुक्रवार को पर्व पर घरों में पकवान बनाए जाएंगे और उसके बाद गीतों के बीच विवाह कराया जाएगा। शहर में वीआइपी रोड में युवतियां इस दौरान सामूहिक रूप से पूजन का भी आयोजन करती हैं। अक्षय तृतीया के साथ परशुराम भगवान का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है। शुक्रवार को परशुराम जन्मोत्सव पर शहर में ब्राह्मण समाज की ओर से शोभायात्रा निकाली जाएगी और सत्संग भवन में महाआरती और प्रसाद का वितरण होगा।
2024-05-09T06:50:38Z dg43tfdfdgfd