BANDHAVGARH TIGER RESERVE: बांधवगढ़ की बाघिन को भेजा गया वन विहार भोपाल, जंगल में शिकार करना भूली

उमरिया समाचार: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर जोन अंतर्गत मगधी रेंज में एक बाघिन का रेस्क्यू किया गया है। बाघिन को इलाज और प्रशिक्षण के लिए वन विहार भोपाल भेजा गया है। बाघिन की उम्र लगभग 3 साल बताई जा रही है।

दरअसल, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर जोन अंतर्गत मगधी रेंज में बाघिन का रेस्क्यू किया गया है। इसे मगधी बीट के रूम आरएफ-279 बहेरहा इनक्लोजर में 3 महीने पहले रेस्क्यू कर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बहेरहा इनक्लोजर में छोड़ा गया था। पूर्व में रेस्क्यू करके लाने का कारण रहा कि यह बाघिन गांव में घरों के पास घुस कर बैठ जाती थी । इन्ही घटनाओं के चलते यह ग्राम बमेरा में एक दिन एक बुजुर्ग के घर में घुसकर उनका शिकार भी कर चुकी थी। इसी कारण इस बाघिन को रेस्क्यू किया गया था और 3 महीने से लगातार इनक्लोजर में रखा जा रहा था। महीनों ऐसे वातावरण में रहने के बाद भी बाघिन में वाइल्ड नेचर नहीं उत्पन्न हो सका। जिसके कारण इसको रेस्क्यू कर डॉक्टरों की निगरानी में वन विहार भोपाल भेज दिया गया।

बाघिन में जंगली जानवरों के गुण नहीं

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मगधी परिक्षेत्र से शुक्रवार की रात को मादा बाघिन का रेस्क्यू किया गया। मादा बाघिन की उम्र 3 वर्ष होने के बाद भी जंगल में शिकार करने में भी असमर्थ है। बाघिन बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में आइडेंटिफाई नही रही है। बाघिन का रेस्क्यू करने के बाद डॉक्टरों की टीम ने जांच की और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की टीम ने बाघिन को वन विहार भोपाल भेज दिया। जहां पर बाघिन का इलाज चल रहा है और शिकार करने का प्राकृतिक गुण सिखाया जा रहा है।

क्या बोले वन विभाग के अधिकारी

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उप संचालक प्रकाश कुमार वर्मा ने बताया कि बाघिन का व्यवहार जंगली नहीं है और वो शिकार करने में भी असमर्थ है। उसमें वाइल्ड नेचर नहीं है, इसलिए उच्च अधिकारियों से अनुमति लेकर उसका रेस्क्यू किया गया है। बाघिन की उम्र लगभग 3 वर्ष होगी। बाघिन को इलाज और ट्रेनिंग के लिए भोपाल वन विहार भेजा गया है।

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2024-05-04T10:57:16Z dg43tfdfdgfd