BILASPUR VOTING NEWS: वोटिंग सुस्त, उम्मीदवारों में धकधकी

नईदुनिया न्यूज,बिलासपुर। लोकतंत्र के महापर्व में वोटों की आहुति डालने के लिए तमाम प्रयास करने के बाद भी बिलासपुर लोकसभा में मतदान का प्रतिशत अपेक्षाकृत कम ही रहा। पिछले लोकसभा चुनाव की अपेक्षा इस बार चार फीसद वोट कम पड़े। दरअसल शहरी क्षेत्रों के मतदाताओं की बेरुखी सामने आई है। दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में इस बार भी उत्साह देखने को मिला। इसे लेकर उम्मीदवारों में धकधकी बढ़ गई है। इधर, निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जिले के लिए नियुक्त प्रेक्षक मतदान की प्रक्रिया का जायजा लेते रहे। कलेक्टर अवनीश शरण, पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह, सहित आला अधिकारी मतदान केंद्रों का भ्रमण करते रहे। जिले में मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हुआ।

शुरुआत में युवा मतदाता, दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिक, महिलाएं सहित विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा आदिवासी मतदाताओं उत्साह देखा गया। बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र मिशन हायर सेकेंडरी स्कूल स्थित आदर्श मतदान केन्द्र में 85 वर्षीय वरिष्ठ मतदाता सुदेश भाटिया ने मतदान कर एक आदर्श मतदाता होने का परिचय दिया। राजेन्द्र नगर निवासी 85 वर्षीय हमिदा बेगम ने भी मिशन स्कूल के मतदान केंद्र में मतदान किया। बिलासपुर की वरिष्ठ मतदाता शंकुतला तिवारी, विजय लक्ष्मी ने तिलक नगर मतदान केंद्र में सहित अन्य वरिष्ठजनों ने मतदान कर जागरूक नागरिक होने का दायित्व निभाया। कोटा विधानसभा के ग्राम करका सहित अन्य गांवों के विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा आदिवासी मतदाताओं ने मतदान कर लोकतंत्र के निर्माण में अपना योगदान दिया। बिलासपुर विधानसभा के शासकीय शबरी माता महाविद्यालय मतदान केंद्र में पहली बार मतदान करने आए युवा जिया ताम्रकार, दीपिका श्रीवास और अभिषेक साहू भी मतदान को लेकर उत्साहित नजर आए। उन्होंने बताया कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने में अपनी सहभागिता दर्ज कर आज वे बेहद खुश एवं उत्साहित हैं। उन्होंने सभी मतदाताओं से समय निकालकर अनिवार्य रूप से मतदान करने की अपील की। दिव्यांग मतदाताओं ने भी मतदान में बढ़-चढ़कर मतदान किया। उन्होंने बताया कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने में अपनी सहभागिता दर्ज कर आज वे बेहद खुश हैं।

प्रेक्षकों सहित कलेक्टर ने लिया मतदान केंद्र का जायजा

मतदान दिवस पर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जिले के लिए नियुक्त सामान्य प्रेक्षक अभय ए महाजन ने मतदान केंद्रों में जाकर मतदान की स्थिति तथा अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने मतदाताओं से भी चर्चा की। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अवनीश शरण ने मतदान केंद्रों में पहुंचकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। इस दौरान मतदाताओं से भी चर्चा की।

ईवीएम बिगड़ी, डेढ़ घंटे बाद हुआ सुधार

निर्वाचन आयोग की ओर से शासकीय जमुना प्रसाद वर्मा कालेज को मतदान केंद्र बनाया गया था। यहां बड़ी संख्या में मतदान अपने मताधिकार का प्रयोग करने पहुंचे। दोपहर को एक मतदाता राधे भुत वोट देने पहुंचे। उनका नाम भाग क्रमांक 75 था। इस भाग की ईवीएम पिछले डेढ़ घंटे से खराब थी। इसके कारण कमरे के बाहर लाइन लगी हुई थी। उन्होंने इसकी शिकायत करने प्रोसेडिंग अधिकारी के पास पहुंचे, लेकिन वे भी नदारद थे। बाहर परिसर में घूमते दिखे। उन्हें इसकी जानकारी दी गई। इसके बाद किसी तरह मशीन की व्यवस्था की गई। इसके बाद वोटिंग का सिलसिला आरंभ हुआ। मतदाताओं ने अतिरिक्त समय की मांग की, लेकिन अधिकारी ने इससे इन्कार कर दिया। दूसरी ओर पंखे भी नहीं चल रहे थे। इससे लोग गर्मी से परेशान थे। राधे भुत ने इस मामले की शिकायत पोलिंग एजेंट, कलेक्टर के साथ ही भारत निर्वाचन आयोग को लिखित में की है।

मुंगेली में सर्वाधिक व बिलासपुर में सबसे कम मतदान

लोकतंत्र के महापर्व में मतदाताओं ने मंगलवार को अपना पूर्णाहुति दे दी है। शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के मतदाताओं की तुलना करें तो शहरी मतदाताओं की तुलना में मताधिकार के प्रयोग को लेकर ग्रामीण मतदाताओं में संजीदगी दिखी और जागरूकता भी। यही कारण है कि मुंगेली और लोरमी विधानसभा क्षेत्र जो पूरी तरह ग्रामीण मतदाताओं पर आधारित है, लोकतंत्र के इस महापर्व में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया है। इससे यह भी कहा जा सकता है कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा शत-प्रतिशत मतदान को लेकर चलाए गए अभियान का सबसे अच्छी और चमकदार तस्वीर ग्रामीण क्षेत्रों में नजर आई। जिला प्रशासन के अभियान की सार्थकता भी दिखाई दी।

विधानसभा चुनाव की तरह ही इस बार भी बिलासपुर विधानसभा सीट के मतदाताओं ने मतदान को लेकर अपना रुझान साफ किया है। भारत निर्वाचन आयोग के वोटर टर्नआउट वेबसाइट पर रात आठ बजे तक अपलोड विधानसभावार मतदान के आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा मुंगेली विधानसभा सीट और सबसे कम बिलासपुर विधानसभा सीट में मतदान हुआ है। बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आठ विधानसभा सीटें हैं। इसमें मुंगेली जिले में लोरमी और मुंगेली विधानसभा सीट है। दोनों ही क्षेत्र के मतदाताओं ने इस बार भी जमकर मतदान किया है। मुंगेली, लोरमी, बिल्हा और तखतपुर में मतदान का आंकड़ा चमकदार कहा जा सकता है। तीनों ही विधानसभा में मतदान के आंकड़े में एक फीसद का अंतर रहा है। जाहिर है यहां के मतदाताओं ने जमकर मतदान किया है। शहरी और ग्रामीण परिवेश वाले बेलतरा विधानसभा क्षेत्र में मतदान का आंकड़ा उस अंदाज में नहीं आया जैसा राजनीतिक दलों के रणनीतिकार सोच रहे थे। शहरी विधानसभा सीट से लगे मोहल्लों में मतदाताओं की बेरुखी भी सामने आई है।

विधानसभावार वोट प्रतिशत

कोटा विधानसभा- 58.60

तखतपुर विधानसभा- 63.12

बिलासपुर विधानसभा- 54.57

बिल्हा विधानसभा- 63.80

बेलतरा विधानसभा- 61.80

मस्तूरी विधानसभा- 53.40

मुंगेली विधानसभा- 63.17

लोरमी विधानसभा- 62.77

मतदाताओं में दिखी बेरुखी, इस बार 4.09 प्रतिशत घटा मतदान

सुबह से ही मौसम अनुकूल रहा। दोपहर के बाद मौसम ने करवट बदली, तेज हवा के साथ ही वर्षा भी हुई। मतदान के लिए आदर्श मौसम होने के बाद भी वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार चार फीसद मतदाता वोट डालने मतदान केंद्र नहीं पहुंचे। बीते वर्ष की तुलना में मतदाताओं की बेरुखी भी सामने आई। इसे लेकर दोनों ही दलों के रणनीतिकार और प्रबंधक निश्चित रूप से चर्चा करेंगे।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 64.14 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया था। मौजूदा चुनाव में रात आठ बजे तक 60.05 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। मौसम की अनुकूलता के बाद जिस तरह शहरी मतदाताओं ने घरों से निकलकर मतदान केंद्र तक पहुंचने की जहमत नहीं उठाई उसे लेकर दोनों ही दलों के रणनीतिकारों की चिंता स्वाभाविक है। भाजपा की रणनीति प्रारंभ से ही यही रही है कि बूथ प्रभारी और पन्ना प्रभारी अपने प्रभार वाले पोलिंग बूथों में लगातार संपर्क करेंगे और मतदाताओं को घर से निकालकर मतदान केंद्र भेजने और मतदान कराने की योजना बनाई थी। अधिक से अधिक मतदान के लिए भाजपा की अपनी रणनीति थी। शहरी इलाकों में यह रणनीतिकार कारगर नजर नहीं आई। सत्ताधारी दल के अलावा प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की रणनीति भी मतदान के मामले में सफल होते नहीं दिखी। शहरी इलाकों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाताओं में जागरूकता के साथ ही मतदान को लेकर उत्सुकता भी दिखी। दूरस्थ वनांचल के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह से ही पोलिंग बूथों में मतदाताओं की कतार लगी रही। भीषण गर्मी के बाद भी ग्रामीण मतदाता पोलिंग बूथों में डटे रहे। मतदान के बाद ही घरों की ओर लौटे। ग्रामीण मतदाताओं में यह बात भी विशेषतौर पर देखने को मिली। घर से मतदान केंद्र पहुंचने के बाद वोट डालने के बाद ही वापस घरों की ओर लौटे।

वर्षा के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में कम हुआ रुझान

शाम चार बजे मौसम में तब्दीली हुई। तेज अंधड़ के साथ वर्षा भी हुई। आंधी वर्षा के कारण बिजली आपूर्ति व्यवस्था ठप पड़ गई। इसका प्रभावी असर पड़ा। गांव में सन्नाटा पसर गया। ग्रामीण मतदान केंद्र जाने के बजाय घरों में ही रहे। शाम पांच बजे के बाद मतदान की गति ग्रामीण क्षेत्रों में कम हो गई थी।

2024-05-07T20:30:51Z dg43tfdfdgfd