CG BOARD RESULT KORBA: किराना व्यवसायी का बेटा बारहवीं टापटेन में पांचवे स्थान पर

नईदुनिया प्रतिनिधि, कोरबा: छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने दसवीं व बारहवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम गुरूवार को जारी कर दिया। बारहवीं में इस बार जय भारत स्कूल कटघोरा में अध्ययनरत शुभ अग्रवाल ने टापटेन में पांचवा स्थान प्राप्त किया है। उसके पिता ग्राम रंजना में किराना दुकान चलाते हैं। दसवीं की जारी परिणाम में गामिनी कंवर ने प्रवीण्य सूची में पांचवा व कृतिका कंवर ने दसवां स्थान प्राप्त कर जिले का नाम रोशन किया है। दोनों ही छात्राएं सरस्वती शिशु मंदिर ढेलवाडीह की छात्राएं हैं। जिले के औसत उत्तीर्ण परिणाम पर गौर किया जाए तो हाईस्कूल 74.38 व बारहवीं 79.22 प्रतिशत है, जो बीते वर्ष की तुलना में बेहतर है।

पहले से तय कर लिया था प्रवीण्य सूची में नाम दर्ज करने का लक्ष्य

कोरबा। एसईसीएल खदान में कार्यरत गंगासिंह कंवर की बेटी गामिनी कंवर दसवीं कक्षा के प्रावीण्य सूची में अपना स्थान बनाया है। गामिनी का कहना था कि दसवीं प्रवेश के साथ ही उसने उद्देश्य बना लिया था कि टापटेन में अपना नाम शाामिल करना है। गामिनी का कहना है कि अध्यापन के लिए घर से हमेशा ही प्रोत्साहन मिला। पांच भाई - बहन के परिवार में वह दूसरे नंबर की है। पिताजी कहते हैं कि बड़े भाई बहन मेहनत करते हैं तो उसकी देखा-देखी छोटे भी मेहनत करते हैं। इस वजह पूरे मेहनत पढ़ाई। मां बसंती कंवर गृहणी है। गामिनी ने बताया बताया कि उसके माता-पिता है उसके आदर्श हैं। भजन व फिल्म संगीत में रूचि रखने वाली गामिनी ने यह भी कहा शिक्षकों के सहयोग के बिना यह स्थान मिलना असंभव था।

मोबाइल का आवश्यकतानुसार उपयोग

किसी भी परीक्षा की तैयारी में समय का ध्यान रखना सबसे महत्वपूर्ण है। गामिनी का कहना है कि मेहनत की सार्थकता तभी है जब शिक्षकों बताए नियम अनुसार पढ़ाई की जाएगा। स्कूल की पढ़ाई के अलावा वह घर में नियमित चार से पांच घंटे पढ़ाई करती थी। मोबाइल का आवश्यकतानुसार उपयोग करने की सीख शिक्षकों ने पहले ही दे रखी थी। जिसका पालन करने कोई समझौता नहीं की।

नीट में सफलता मुख्य लक्ष्य

गामिनी का कहना है कि वह सर्जन बनना चाहती है। ग्यारहवीं में बायोलाजी विषय लेकर आगे की पढ़ाई जारी रखेगी। नीट की परीक्षा उत्तीर्ण करना उसका मुख्य लक्ष्य है। दसवीं में बेहतर अंक लाने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए यह सिलसिला जारी रखने के लिए दायित्व और भी अधिक बढ़ गया है।

सफलता का मूलमंत्र केवल मेहनत है

सफलता का मूलमंत्र केवल मेहनत है। इस ध्येय वाक्य के साथ चलने के कारण दसवीं कक्षा के टापटेन में स्थान मिला है। बेहतर प्रदर्शन को लेकर मन में संशय तो था लेकिन मेहनत की वजह विश्वास भी अटूट था। यह कहना है छात्रा कृतिका का। उसके पिता नेपाल सिंह कृषक हैं और माता सुनीता कंवर गृहणी है। कृतिका कहती है कि सफलता के मेहनत की सीख पिता से मिली है। मां हमेशा पढ़ाई के लिए प्रेरित करती हैं। वह कहती हैं कि विद्यार्थी जीवन केवल पढ़ाई के लिए होती है। इस अवसर से चुके तो पीछे केवल पछतावा ही रहेगा। खेल में रूचि रखने वाली कृतिका का कहना है कि पाठ्य पुस्तकों के अलावा महापुरूषों की जीवनी पढ़ना उसकी पहली पसंद है। अपनी सफलता का श्रेय वह अपने माता-पिता के अलावा शिक्षकों को देती है।

अनुशासित रहकर की पढ़ाई

कृतिका ने बताया कि अनुशासित रहकर पढ़ाई करने का परिणाम सामने आया है। बाजार में बेहतर पुस्तकें मिल सकती हैं लेकिन उसे पढ़ने लिए लगन हमें स्वयं से लाना होगा। स्कूल में पढ़ाई के अलावा घर में भी प्रतिदिन तीन से चार घंटे पढ़ाई करती थी। पिछले चार वर्षों के प्रश्न पत्र का अवलोकन कर लघु उत्तरीय और निबंधात्मक प्रश्नों की तैयारी की।

डाक्टर बनकर जनसेवा ही मुख्य ध्येय

कृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहती है। ग्यारहवीं कक्षा में बायोजाली विषय लेकर आगे पढ़ाई जारी रखने के लिए उसने अभी से मन बना लिया है। कृतिका कहना है सफलता पाने के लिए वह कड़ी से कड़ी मेहतन करने के लिए तैयार है।

पढ़ाई के लिए प्रतिदिन तय किया 16 किमी का सफर

कोरबा। लगन और मेहतनत अवश्य रंग लाती है। जय भारत उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय में अध्ययनरत कक्षा बारहवीं के छात्र शुभ अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ टापटेन के अपना नाम दर्ज कराकर जिले को गौरवांवित किया है। शुभ का गृहग्राम चैतमा है, उसके पिता जितेंद्र अगवाल ग्राम रंजना में किराने की दुकान चलाते हैं। पढ़ाई में शुभ की लगन को देखते हुए पिता ने उसे कटघोरा के निजी स्कूल में दाखिल कराया। चैतमा से 16 किलोमीटर का सफर तय कर शुभ प्रतिदिन कटघोरा आते थे। प्रतिदिन की सफर की थकान को पढ़ाई में उसने कभी भी आड़े नहीं दिया। छुट्टी के दिन पिता के साथ दुकान में हाथ बंटाने में कभी पीछे नहीं रहे। अपने माता-पिता व गुरू जनों को आदर्श मानने वाले शुभ की क्रिकेट में काफी रूचि है।

समय का सदुपयोग

सफलता का मूलमंत्र पूछे जाने पर शुभ का कहना है कि समय का सदुपायोग ही हमें बेहरत परिणाम की ओर ले जाता है। बारहवीं बोर्ड में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए मैने ग्यारहवीं उत्तीर्ण होने के बाद ग्रीष्म अवकाशा से ही तैयारी शुरू कर दी थी। जटिल विषयों को आसान बनाने के लिए शिक्षकों से मार्गदर्शन लिया। उनके निर्देश्ान में नोट्स बनाए। परीक्षा में उत्तर लिखने के लिए बार बार अभ्यास किया।

सीए की पढ़ाई करना मुख्य उद्देश्य

कामर्स विषय लेकर अध्ययनरत शुभ का कहना है कि वह आगे सीए यानी चाटर्ड एकाउंटेंट के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं। यह मार्ग कठिन है लेकिन वह इसके लिए तैयार है। सफलता के मेहनत आगे भी जारी रहेगी।

बालकों की तुलना में बालिकाएं रहीं आगे

हाई व हायर सेकेंडी की परीक्षा परिणाम में इस बार भी बालिकाओं का दबदबा बरकरार है। दसवीं की परीक्षा में 6,361 बालक व 7,817 बालिकाएं शामिल हुए। उत्तीर्ण होने वालों मे बालकों की संख्या 4,221 रही वहीं बालिकाएं 6,094 शामिल हैं। हाईस्कूल का औसत परिणाम 74.27 रहा। इसी तरह हायर सेकेंडरी परीक्षा में भी बालिकाएं बालकों से आगे हैं। परीक्षा में 4,412 बालक व 6,102 बालिकाएं शामिल हुई। इनमें 3,236 बालक व 4,999 बालिकाएं उत्तीर्ण हुई। बीते वर्ष की तुलना में परीक्षा परिणाम में सुधार हुआ है।

प्रतिस्पर्धा में सरकारी से आगे निजी स्कूल के शिक्षक

परीक्षा परिणाम के बाद टापटेन में आने वाले सभी विद्यार्थी निजी स्कूल के हैं। कम वेतन में ही भी निजी स्कूल के शिक्षकों ने विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने का काम किया है वह सराहनीय है। निजी स्कूलों में भी विलक्षण प्रतिभा के शिक्षकों की भरमार है। इसके अलावा शासन की ओर से उन्हें समय समय पर नियमित प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इसके बाद भी शासकीय स्कूलों के शिक्षक अध्यापन के मामले में निजी स्कूल के शिक्षकों से पीछे रह गए हैं।

फैक्ट फाइल

स्थिति- कक्षा दसवीं- कक्षा बारहवीं

पंजीकृत- 14,178- 10,514

प्रथम- 4,681- 3,348

द्वितीय- 5,091- 4,333

तृतीय- 543- 453

प्रोत्तीर्ण - 1

प्रतिशत- 74.38 79.22

हाई और हायर सेकेंडरी परीक्षा परिणाम बीते वर्ष की तुलना उत्कृष्ठ है। शिक्षकों और विद्यार्थियों ने मेहनत किया है। आगे भी बेहतर परिणाम देने के लिए उत्तरोत्तर प्रयास किया जाएगा।

तामेश्वर उपाध्याय, जिला शिक्षा अधिकारी

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