CLIMATE CHANGE से निपटने के लिए CSIR ने शुरू किया 'WRINKLES ACHE HAI' CAMPAIGN, जानें इसमें क्या है खास

Climate Change: कॉर्पोरेट ऑफिस में काम करने वालों की जिंदगी निश्चित रूप से चुनौतियों से भरी होती है. सुबह जल्दी उठकर तैयार होना, इस्त्री किए हुए कपड़े पहनना और समय पर ऑफिस पहुंचना, ये सब उनकी लाइफस्टाइल का अहम हिस्सा बन गया है. लेकिन अब सोमवार से ऐसा नहीं होगा. क्लाइमेट से निपटने के लिए सीएसआईआर ने एक नई पहल की है.

दरअसल, सीएसआईआर यानी इंडियन काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च की 'रिंकल्स अच्छे हैं' कैंपेन की शुरुआत की गई है. इसके जरिए क्लाइमेंट से निपटने के लिए सभी स्टाफ मेंबर्स को हर सोमवार को इस्त्री किए बिना कपड़े पहनकर आना होगा. इसकी शुरुआत क्लाइमेट में हो रहे बदलाओं को देखते हुए की गई है. यह कैंपेन 1-15 मई तक चलने वाले 'स्वच्छता पखवाड़ा' का हिस्सा है.

एक्स पर किया पोस्ट

इसके बारे में एनर्जी स्वराज फाउंडेशन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए बताया कि हम @CSIR_IND के आगे आने और हमारे #जलवायु सुधार अभियान #रिंकल्सअच्छे हैं' में हर सोमवार को सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए आभारी हैं. क्लाइमेट से निपटने के लिए सीएसआईआर की पहल, जिसमें 'Wrinkles Ache Hai' के जरिए स्टाफ ने हर सोमवार को बिना इस्त्री किए हुए कपड़े पहनकर ऑफिस आने शुरुआत की.

क्यों की गई इस कैंपेन की शुरुआत?

सीएसआईआर देश भर की लेबोरेटरीज में इलेक्ट्रिसिटी के इस्तेमाल को कम करने के उद्देश्य से 'रिंकल्स अच्छे हैं' कैंपेन की शुरुआत की.  इसका उद्देश्य सभी वर्कप्लेस में इलेक्ट्रिसिटी के खर्च में 10% की कमी लाना है. इन स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) यानी मानक संचालन प्रक्रिया का जून से अगस्त 2024 तक पायलट टेस्ट किया जाएगा. सीएसआईआर तकनीकी क्षेत्रों की वाइड रेंज में रिसर्च और विकास के लिए प्रेस्टीजियस है, जो भारत के डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट के रूप में 37 नेशनल लेबोरेटरीज वाले नेटवर्क के साथ और 4162 टेक्नोलॉजिकल और सपोर्ट स्टाफ के साथ 3521 एक्टिव साइंटिस्ट्स को सहायता प्रदान करता है.

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