GWALIOR WATER PROBLEM NEWS: पेहसारी पहुंचा पांच एमसीएम पानी, तिघरा पहुंचेगा मई के अंत तक

Gwalior Water Problem News: नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर: ककैटो से पेहसारी डेम में पांच मिलियन क्यूबिक मीटर (पांच एमसीएम) पानी पहुंच चुका है। 10 एमसीएम पानी और पेहसारी बांध तक पहुंचने में करीब दस दिन का वक्त लगेगा। पांच मई के बाद ही तिघरा के लिए पेहसारी बांध से पानी छोड़ा जाएगा, जिसे तिघरा पहुंचने में करीब 20 दिन का वक्त लगेगा। मई अंत तक तिघरा बांध में करीब 150 से 200 एमसीएफटी पानी पहुंच चुका होगा जो शहरवासियों की 15 दिन की प्यास बुझाने में काम आएगा।

इधर बदलते मानसून को देखते हुए जल संसाधन विभाग ने कलेक्टर और निगमायुक्त को पत्र लिखकर बांध से पानी लिफ्ट करने के लिए टेंडर करने की अनुमति मांगी है। टेंडर करने के साथ-साथ फंड की भी मांग की गई है। चार दिन का पानी होगा बर्बाद: अफसरों का कहना है कि करीब सात मई को पेहसारी से पानी तिघरा के लिए छोड़ा जाएगा। पेहसारी से चलने वाला पानी चार दिन में तिघरा के रास्ते में नाले, तालाब आदि को भरने में ही बर्बाद हो जाता है, इसके बाद पानी पांचवें दिन तिघरा पहुंचता है, इसलिए पेहसारी से करीब 500 एमसीएफटी पानी छोड़ा जाएगा, जिसे तिघरा में पहुंचने में करीब 20 से 25 दिन का वक्त लगेगा और पानी महज 150 से 200 एमसीएफटी के बीच ही पानी पहुंचेगा।

टेंडर प्रक्रिया पूरी करना जरूरी

जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री राजेश चतुर्वेदी का कहना है कि मई अंत तक तिघरा में 15 दिन का पानी पहुंच जाएगा जो जुलाई तक शहरवासियों की प्यास बुझाने के काम आएगा, लेकिन एहतियात के तौर पर जल संसाधन विभाग पानी लिफ्ट करने के लिए अपनी तैयारी पूरी रखेगा, इसलिए टेंडर करने के लिए कलेक्टर व निगमायुक्त से अनुमति और पैसा दोनों की मांग की गई है। ककैटो में 1400 एमसीएफटी और पेहसारी में 900 एमसीएफटी डेड पानी है, जिसे पंप की मदद से बाहर निकालना पड़ता है, इसके लिए 18 करोड़ 15 लाख रुपये का प्रस्ताव बनाकर दिया था, जिसमें नगर निगम ने टैंकर से पानी की आपूर्ति में होने वाले खर्च को जोड़कर 23 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा है।

9 दिन में पांच एमसीएम पानी ही पहुंचा बांध में

अफसरों का कहना है कि 16 अप्रैल को ककैटो बांध से पेहसारी के लिए पानी छोड़ा गया था। नौ दिन में पांच एमसीएम पानी ही पेहसारी पहुंच सका। असल में शुरुआती दिनों में तीन दिन तो पानी रास्ते में ही बर्बाद होता रहा, क्योंकि धूप में गर्म जमीन ही पानी पी गई, लेकिन अब बाकी के बचे 10 एमसीएफटी पानी को पहुंचने में सात से आठ दिन ही लगेंगे और पांच मई तक पानी पहुंच जाएगा।

2024-04-27T04:19:34Z dg43tfdfdgfd