INDORE NEWS: इंदौर में मैनेजमेंट के बच्चों को पांच ई से दिया ट्रैफिक मैनेजमेंट का प्रशिक्षण

Indore News: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। यातायात प्रबंधन पुलिस की एजुकेशन विंग द्वारा इंदौर इंस्टिट्यूट आफ मैनेजमेंट में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान विद्यार्थियों को चौराहों पर यातायात नियमों के लिए जागरूक किया। पांच ई से उन्हें नियमों की जानकारी दी गई।

यातायात पुलिस एजुकेशन विंग के रणजीत सिंह और सुमंत सिंह कछावा ने 100 से अधिक छात्र-छात्राओं को ट्रैफिक अल्फाबेट्स कैलेंडर और रोचक तरीके से ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी। इसके अलावा विद्यार्थियों को बेहतर ट्रैफिक मैनेजमेंट के पांच ई इंजीनियरिंग, एजुकेशन, इन्फोर्समेंट, इमरजेंसी, एनवायरमेंट के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान विद्यार्थियों ने यातायात नियमों के लिए पैरेंट्स को प्रेरित करने का वादा किया। साथ ही बच्चों ने सड़क सुरक्षा से जुड़े प्रश्न किए। इस मौके पर अंकिता गुप्ता, निकिता पाण्डेय, आयुषी गुप्ता, डा संजय शर्मा, राहुल जोशी, सुनंदा नारंग, अंजली जैन समेत कई लोग मौजूद रहे।

ट्रैफिक मैनेजमेंट के पांच ई

इंजीनियरिंग - यदि ट्रैफिक इंजीनियरिंग सही होगी, सड़कें चौड़ी होंगी, लोक परिवहन की पर्याप्त व्यवस्था होगी, पार्किंग की सुविधा होंगी, फ्लाई ओवर, फुट ओवर ब्रिज होंगे तो ट्रैफिक में सुधार संभव है। ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए इंजीनियरिंग अहम योगदान देती है।

एजुकेशन - आज देश में सबसे ज्यादा ग्रामीण आबादी है। सड़क सुरक्षा जागरूकता मात्र बड़े शहरों तक ही सीमित न रहे, इसके लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम भी किए जाते हैं मगर ये नाकाफी हैं। यदि जनजागरूकता में व्यापक बदलाव करना है तो आधारभूत शिक्षा में सड़क सुरक्षा जागरूकता का पाठ होना जरूरी है, जिससे वो सड़कों पर उतरने से पहले उसके बारे में संपूर्ण जानकारी रख सकें।

एनफोर्समेंट - आज परिस्थितियां विपरीत हैं, सड़क सुरक्षा को मात्र ट्रैफिक पुलिस तक या पुलिस की जिम्मेदारी तक ही सीमित न रखते हुए, हर विभाग, हर वर्ग की नैतिक जिम्मेदारी है कि सुरक्षा संस्कार को सभी तक पहुंचाए।

इमरजेंसी - सड़क हादसों के दौरान इमरजेंसी वाहन जैसे फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस, पुलिस, क्रेन आदि क्विक रिस्पांस टीम द्वारा की गई त्वरित कार्यवाही से हादसों में होने वाली जन धन की हानि को रोका जा सकता है। सड़क दुर्घटना में घायल को यदि समय पर उपचार मिल जाए तो कई जान बचाई जा सकती है इसके लिए जरूरी है कि इमरजेंसी सेवाओं का तत्काल व्यक्ति तक पहुंचाना। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट व शासन द्वारा विभिन्न प्रविधान भी बनाए गए हैं जैसे कि गुड सेमिनिटन लॉ यानी नेक दिल व्यक्ति जो दुर्घटना में घायल की मदद करते हैं।

एन्वायरमेंट - यातायात व्यवस्था पर्यावरण पर भी कई हद तक निर्भर करती है। पर्यावरण के बदलते रूप के साथ वाहन चालकों को वाहन चलाने का तरीका भी उसी अनुरूप बदलना पड़ता है। कोहरे, बारिश या गर्मी में मौसम के अनुसार वाहन का संचालन करना चाहिए। इसी प्रकार सड़कों का भी रखरखाव मौसम के हिसाब से किया जाना चाहिए। कई बार पेड़ों की टहनियों से संकेत बोर्ड छुप जाते हैं जिससे वाहन चालक को मार्ग की जानकारी सही नहीं मिल पाती है।

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