राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand Liqour Scam: शराब घोटाले पर झारखंड हाई कोर्ट के स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई होगी।
शराब घोटाले की जांच के लिए दाखिल जनहित याचिका के प्रार्थी और अधिवक्ता की क्रेडेंशियल (साख) पर सवाल खड़ा किए जाने के बाद इन दोनों का नाम हटा कर झारखंड हाई कोर्ट स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है।
इसके खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए इसकी वैधता को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि राज्य के जिलों में शराब के होलसेल के टेंडर में शामिल होने के लिए 25 लाख रुपये नॉन रिफंडेबल राशि तय की गई थी।
राज्य के विभिन्न जिलों में शराब के होलसेल और रिटेल का टेंडर लेने के लिए कोलकाता से झारखंड के तीन जिलों में अलग-अलग खातों में करोड़ों रुपये भेजे गए थे।
यह उन कंपनियों के खाते में भेजा गया था, जिनके खाते में मात्र दो-चार हजार रुपये हुआ करते थे। उसी खाते से सारा पैसा राज्य के अन्य जिलों में शराब के होलसेल के टेंडर के लिए 25-25 लाख रुपया जमा करने में इस्तेमाल हुआ था।
कोलकाता से भेजे गए पैसों का इस्तेमाल शराब माफिया की ओर से झारखंड के सभी जिलों में शराब के होलसेल का टेंडर लेने के लिए किया गया था। इसकी जांच कराने का आग्रह कोर्ट से किया गया है।
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