जेएनके इंडिया (JNK India) का आरंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव यानी कि आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 23 अप्रैल से खुल चुका है और यह 25 अप्रैल को बंद होगा. कंपनी की योजना इस इश्यू के जरिये लगभग 650 करोड़ रुपये जुटाने की है.
आईपीओ में 300 करोड़ रुपये तक की फ्रेश इक्विटी और 84.2 लाख रुपये तक के शेयरों की बिक्री की पेशकश (ओएफएस) शामिल है. ओएफएस के तहत, गौतम रामपेली, दीपक कचारूलाल, जेएनके हीटर, मैस्कॉट कैपिटल एंड मार्केटिंग और मिलिंद दोशी शेयर बेचेंगे. ऑफर का लगभग 50% योग्य क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए, 35% रिटेल इन्वेस्टरों के लिए और शेष 15% नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टरों के लिए रिजर्व है.
इश्यू से जो शुद्ध आय मिलेगी, उसका उपयोग कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं और अन्य सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा.
विश्लेषकों (Analysts) का मानना है कि इन्वेस्टर लांग टर्म के लिए इश्यू को सब्सक्राइब कर सकते है, लेकिन किसी लिस्टिंग लाभ की उम्मीद नहीं है क्योंकि आईपीओ की कीमत aggressive side पर थी. जहां तक जेएनके इंडिया के ट्रैक रिकॉर्ड का सवाल है तो उसके पास विविध ग्राहक आधार है. आनंद राठी ने कंपनी के पिछले तीन वित्तीय वर्ष के आधार पर सब्सक्राइब टैग देते हुए कहा है कि मजबूत पोर्टफोलियो, मजबूत ऑर्डर बुक कंपनी की क्षमताओं को दर्शाती है.
ऊपरी मूल्य बैंड पर, कंपनी का मूल्य P/E 49.38x, EV/EBITDA 33.13x और मार्केट कैप 2,308 करोड़ रुपये है.
हीटिंग उपकरण कंपनी ने अपनी पहली सार्वजनिक पेशकश के लिए प्रति शेयर 395-415 रुपये का प्राइस बैंड तय किया है. निवेशक एक लॉट में न्यूनतम 36 शेयरों के लिए और उसके बाद कई शेयरों में बोली लगा सकते हैं.
जेएनके इंडिया के पास थर्मल डिजाइनिंग, इंजीनियरिंग, विनिर्माण, आपूर्ति, स्थापना और कमिशनिंग प्रोसेस फायर्ड हीटर, रिफॉर्म्स और क्रैकिंग फर्नेस की क्षमताएं हैं. कंपनी भारत में अच्छी तरह से मान्यता प्राप्त हीटर कंपनियों में से एक है, वित्त वर्ष 2023 में नए ऑर्डर बुकिंग के मामले में, इस सेगमेंट में इसकी बाजार हिस्सेदारी लगभग 27% है.
FY23 के लिए, कंपनी ने परिचालन से 407 करोड़ रुपये का रेवेन्यू और 46.3 करोड़ रुपये का प्रॉफिट कमाया है.
आईआईएफएल सिक्योरिटीज और आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज इश्यू के बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं, जबकि लिंक इनटाइम इंडिया रजिस्ट्रार है.
(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं)
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