MAHAKAL TEMPLE UJJAIN: अब भस्म आरती दर्शन के लिए करनी होगी तीन माह की प्रतीक्षा, आज हो सकती है बैठक

नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भस्म आरती दर्शन सहित अन्य व्यवस्थाएं में बदलाव जल्द लागू किए जाएंगे। शनिवार को मंदिर प्रबंध समिति की संभावित बैठक में इस पर निर्णय होंगे। सूत्रों के अनुसार एक बार भस्म आरती दर्शन करने वाले श्रद्धालु को फिर से इसी दर्शन के लिए तीन माह का इंतजार करना होगा।

इसके लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर तैयार होगा

सॉफ्टवेयर श्रद्धालुओं के आधार कार्ड स्कैन करेगा और अगर संबंधित दर्शनार्थी तीन महीने से पहले दर्शन के लिए आवेदन देता है तो उसे अमान्य कर देगा। इसी तरह भस्म आरती बुकिंग अब तीन महीने पहले की जा सकेगी। अभी यह समय एक महीने पहले का है। हालांकि इस तरह के निर्णय पर अंतिम सहमति प्रबंध समिति के सदस्यों की एक राय के बाद ही हो सकेगी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार शाम 4 बजे मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर के कंट्रोल रूम में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह की अध्यक्षता में श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति की बैठक संभावित है। महाकाल में होली पर हुए हादसे के बाद हो रही प्रबंधन समिति की बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसमें दर्शन व्यवस्था का रिव्यू होगा। साथ ही व्यवस्था में बदलाव होने की संभावना है। इसके अलावा मंदिर में 4 से 9 मई तक होने वाले सोम यज्ञ के कार्यक्रमों को भी अंतिम रूप दिया जाएगा।

इसलिए बदलाव की बयार

महाकाल मंदिर में 25 मार्च को धुलेंडी के दिन गर्भगृह में केमिकल युक्त गुलाल के प्रयोग से आग लगने की घटना हुई थी। अग्निकांड में करीब 13 पुजारी व सेवक घायल हुए थे। बीते दिनों उपचार के दौरान सेवक सत्यनारायण सोनी की मौत हो चुकी है। घटना के बाद मंदिर समिति गर्भगृह तथा दर्शन व्यवस्था में बदलाव के संकेत दिए थे।

अफसर व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन का प्लान तैयार कर रहे थे। सूत्र बताते हैं प्रबंधन समिति की बैठक में दर्शन व्यवस्था संबंधी महत्वपूर्ण निर्णय हो सकते हैं। साथ ही भस्म आरती में भ्रष्टाचार रोकने के लिए भी प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। बैठक में दिव्यांग, बुजुर्ग तथा गर्भवती महिलाओं के लिए दर्शन व भस्म आरती में विशेष सुविधा दिए जाने की भी योजना है।

आफलाइन में भी हो तीन माह के नियम का पालन

मंदिर समिति भस्म आरती की ऑनलाइन बुकिंग व्यवस्था में दोबारा अनुमति प्राप्त करने के लिए तीन माह की समय सीमा का नियम लागू करने की योजना बना रही है। इस नियम को प्रोटोकॉल के तहत मंत्री, सांसद, विधायक, विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा पुजारी, पुरोहितों के लिए निर्धारित कोटे पर दी जाने वाली अनुमति व्यवस्था पर भी लागू करना चाहिए।

कोटा सिस्टम के तहत होने वाली भस्म आरती अनुमति में प्रभावशाली लोग एक सप्ताह में दो-दो बार अनुमति प्राप्त कर लेते हैं। कुछ रसूखदार श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार पर भस्म आरती दर्शन की बुकिंग कराते हैं और प्रथम पंक्ति में बैठकर दर्शन करते हैं। यह अनुमति प्रत्येक सप्ताह अलग-अलग कोटे से कराई जाती है।

ऐसे होती है भस्म आरती दर्शन अनुमति, इसलिए बदलाव

महाकाल मंदिर में रोजाना तड़के चार बजे भस्म आरती शुरू होती है। इसके दर्शन के लिए देश-विदेश के श्रद्धालु आते हैं। 1800 से 2000 दर्शनार्थियों को रोज अनुमति जारी की जाती है। 500 श्रद्धालुओं को मंदिर के काउंटर से आफलाइन नि शुल्क दर्शन अनुमति जारी होती हैं। वहीं शेष अनुमतियां आनलाइन होती हैं, जिनके लिए 200 रुपये शुल्क निर्धारित हैं।

ऑनलाइन अनुमति के लिए भक्तों को महाकाल मंदिर की वेबसाइट पर जाना होता है। पिछले कुछ समय से यह देखने में आया है कि स्लॉट खुलते ही फुल हो जाते हैं। ऐसे में श्रद्धालु मन मसोसकर रह जाते हैं। इसलिए मंदिर समिति तीन महीने वाला नियम लागू करना चाहती है। स्लॉट बुकिंग का समय भी इसलिए बढ़ाया जा रहा है ताकि लोग पहले से ही दर्शन अनुमति प्राप्त कर लें।

2024-04-19T17:10:30Z dg43tfdfdgfd