NAMITA PATOJOSHI SUCCESS STORY: गहने बेचकर खरीदी थी एक गाय, आज 200 से ज्यादा मवेशी, रोजाना 600 लीटर दूध का उत्पादन, दर्जनों लोगों को दिया रोजगार

हौसला हो और संघर्ष करने का साहस हो तो सफलता जरूर मिलती है. एक महिला ने परिवार की आर्थिक हालत बेहतर करने के लिए कुछ अलग करने की ठानी. उन्होंने अपने गहने गिरवी रख दिए. उन पैसों से एक गाय खरीदी और डेयरी का बिजनेस शुरू किया. अपनी मेहनत के बल पर उन्होंने इस कारोबार को आगे बढ़ाया और आज ये एक करोड़ के ऊपर पहुंच गया है. इस महिला का नाम नमिता पटजोशी (Namita patjoshi) है और वो कोरापुट में कंचन डेयरी फार्म (Kanchan Dairy Farm) चलाती हैं.

घर में थी पैसे की कमी, नमिता ने शुरू की नौकरी-

नमिता पटजोशी ओडिशा की रहने वाली हैं. उनके पिता जेपोर शहर में लाइनमैन थे. नमिता की शादी साल 1987 में हुई थी. उनके पति कोरापुट में राजस्व विभाग में क्लर्क थे. उनको 800 रुपए सैलरी मिलती थी. जिसमें 7 लोगों वाले परिवार को चलाना मुश्किल हो रहा था. नमिता को अपनी फैमिली के लिए रोजाना 2 लीटर दूध खरीदना पड़ता था और इसके लिए 20 रुपए खर्च करने पड़ते थे.

परिवार की आर्थिक हालत को सुधारने के लिए नमिता ने साल 1992 में कोरापुट शहर में 300 रुपए की सैलरी पर टीचर की नौकरी शुरू की. लेकिन इससे कुछ खास असर नहीं हुआ. नमिता के पिता ने साल 1995 में एक जर्सी गाय गिफ्ट दी. यह गाय रोजाना 4 लीटर दूध देती थी. इससे घर में दूध की जरूरत पूरी होने लगी. लेकिन एक साल बाद ही गाय गायब हो गई.

सोने की चेन गिरवी रखकर खरीदी गाय-

गाय चोरी होने के बाद घर में दूध की दिक्कत होने लगी. साल 1997 में नमिता पटजोशी ने 5400 रुपए में एक गाय खरीदी. इसके लिए नमिता ने सोने की चेन गिरवी रखी थी. ये गाय 6 लीटर दूध देती थी. इस्तेमाल के बाद बचने वाले दूध को नमिता 10 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से बेच देती थीं. बाद में नमिता ने दूध का कारोबार शुरू किया.

नमिता पटजोशी ने धीरे-धीरे गायों की संख्या बढ़ानी शुरू की. उन्होंने लोन लेकर गायों की संख्या 5 कर ली. साल 2013 में नमिता ने कारोबार पर फोकस करने के लिए नौकरी छोड़ दी. शुरुआत में उन्होंने गायों की देखभाल खुद की. नमिता ने डेयरी का नाम अपनी सास के नाम पर कंचन डेयरी फार्म रखा.

रोजाना 600 दूध का उत्पादन-

नमिता पटजोशी ने साल 2015-16 में गाय खरीदने के लिए 50 फीसदी सब्सिडी पर लोन लिया. धीरे-धीरे दूध कारोबारी के तौर पर उनकी विश्वसनीयता बढ़ने लगी. दूध लेने के लिए लाइन लगने लगी. इसके बाद नमिता ने साल 2004 में कूपन सिस्टम शुरू किया और गायों का दूध 30 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से बेचा.

आज कंचन डेयरी फार्म में 200 से ज्यादा मवेशी हैं. इसमें से 50 बछड़े हैं. रोजाना 600 लीटर दूध का उत्पादन होता है. नमिता पटजोशी ने 25 लोगों को रोजगार दिया है. इसमें 18 आदिवासी महिलाएं शामिल हैं.

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