ORDNANCE FACTORY KHAMARIA: वायुसेना के लिए 100 और 120 किलोग्राम क्षमता के बमों का उत्पादन करेगी ओएफके

Ordnance Factory Khamaria: नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। आयुध क्षेत्र में आर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया (ओएफके) भारतीय वायुसेना की मांग के अनुरूप जल्द ही 100 और 120 किलोग्राम क्षमता के बमों का उत्पादन जल्द शुरू करने जा रहा है। गत दिवस वायुसेना के एयर मार्शल सहित विशेषज्ञ टीम दौरा कर निर्माणी की तैयारी परख चुके हैं।

साथ ही बम से जुड़ी तकनीकी डाटा का अनुसंधान विभाग में ओएफके के विशेषज्ञों के साथ जानकारी साझा की है। उत्पादन से पहले निर्माणी एक प्लांट के आधुनिकीकरण कार्य पर जुटी हुई है। अत: निर्माणी उत्पादन से पहले सुरक्षा से जुड़े सारे इंतजाम पूरे कर लेना चाहती है।

उत्पादन को लेकर ओएफके की तैयारी

सूत्रों के अनुसार ओएफके 100 और 120 किलोग्राम क्षमता के बमों का उत्पादन रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के सहयोग से करेगी। इसके लिए डीआरडीओ बम की ड्राइंग तैयार करेगी और विभिन्न स्तरों पर चर्चा के उपरांत निर्माणी को सौंपेगी।

रक्षा मंत्रालय से ड्राइंग सहित अन्य मुद्दों पर हरी झंडी के बाद इसका सैंपल तैयार होगा। इस पूरी प्रक्रिया में विशेषज्ञों की मदद ली जाती है वहीं आकार व प्रकार के साथ अन्य अनुसंधानों के आधार किसी निष्कर्ष पर पहुंचते हैं।

वायुसेना के लिए कितना उपयोगी

ओएफके हमेशा से आयुध क्षेत्र में सेना के तीनों अंगों के लिए मांग के अनुरूप गोला-बारूद का उत्पादन करता रहा है। सूत्रों की मानें तो दुश्मन के क्षेत्र में बंकर व ऊंची इमारतों को ध्वस्त करने में 100 और 120 किलोग्राम क्षमता के बम सहायक साबित होते हैं। लड़ाकू विमानों की मदद से ये हमले में कारगर रहे हैं।

एफ-6 के आधुनिकीकरण का कार्य

निर्माणी के गुणवत्तापूर्ण उत्पादनों की श्रृंखला के कारण सेना हमेशा से जरूरतों के मुताबिक अपनी मांग रखती रही है। निर्माणी 100 और 120 किग्रा क्षमता के बमों के उत्पादन को लेकर एफ-6 के आधुनिकीकरण के प्रयासों में जुटी हुई है। एफ-6 की असेंबली लाइन भविष्य में इन बमों को आकार देगी।

विगत में वायुसेना के एक एयर मार्शल व विशेषज्ञों की टीम एफ-6 में निर्माणी द्वारा किए जा रहे आधुनिकरण संबंधित कार्यो को देख चुके है और अपने विचार भी साझा किए। महत्वपूर्ण है कि ओएफके रशिया के सहयोग से मैंगो प्रोजेक्ट पर पहले से कार्य कर रही है और इसके लिए भी एक आधुनिकतम प्लांट का निर्माण किया गया है।

जहां सुरक्षा मानकों का विशेष ख्याल रखते हुए निर्माण किए गए है। इसमें मौसम के अनुकूल परिसर के तापमान को बनाए रखने के उपाय शामिल हैं।

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