PADMA SHRI RAJANNA: 'गद-गद कंठ न कछु कहि जाई'; राष्ट्रपति भवन में PM मोदी से मिलकर भावुक हुए दिव्यांग राजन्ना

पोलियो के कारण अपने दोनों हाथ-पैर गंवा चुके डॉ केएस राजन्ना को आज देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान- पद्मश्री से अलंकृत किया गया। नागरिक अलंकरण समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कला, समाज सेवा, खेल और अन्य क्षेत्रों में अतुलनीय योगदान देने वाली विभूतियों को पद्म पुरस्कार प्रदान किए। इसी में एक हस्ती हैं डॉ के एस राजन्ना। डॉ राजन्ना कर्नाटक से आते हैं। 2024 के लिए पद्म श्री सम्मान के लिए चुने गए राजन्ना का विशेष जिक्र इसलिए भी क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गुजारे गए उनके चंद लम्हे सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

गुरुवार को जब राष्ट्रपति भवन के ऐतिहासिक हॉल में जब पद्म श्री से नवाजे जाने के लिए जैसे ही डॉ के एस राजन्ना का नाम पुकारा गया, पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। डॉ राजन्ना राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों पद्मश्री पदक और प्रशस्ति पत्र हासिल करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास पहुंचे। पीएम मोदी का हाथ थामे राजन्ना कुछ कहते भी दिखे। चंद सेकेंड की यह मुलाकात देखने वाले लोगों को भावुक कर रही है।

प्रधानमंत्री मोदी भी कुछ सेकेंड तक राजन्ना के दिव्यांग हाथों को थामकर आह्लादित होते दिखे। मोदी और राजन्ना की मुलाकात का नजारा ऐसा था, जहां सभी उपमाएं ठिठक जाती हैं। ऐसे समय में रामचरित मानस की की पंक्ति का अंश ही सटीक जान पड़ता है, जहां बालकांड के एक दोहे में गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा है;

'बारहिं बार लेति उर लाई। गद-गद कंठ न कछु कहि जाई'

पीएम मोदी से मुलाकात के बाद जब राजन्ना राष्ट्रपति के आसन की तरफ बढ़े तब वहां भी उन्होंने शीश नवाकर मंच को प्रणाम किया। मंच पर राजन्ना ने अपनी ललाट झुकाई और मंच को प्रणाम किया।

गौरतलब है कि डॉ केएस राजन्ना को समाज सेवा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान के लिए पद्मश्री से नवाजा गया है। दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध दिव्यांग सामाजिक कार्यकर्ता डॉ राजन्ना पोलियो के कारण अपने दोनों हाथ-पैर गंवा चुके हैं। दिव्यांक व्यक्तियों के लिए उन्होंने राज्य आयुक्त का पद भी संभाला। 

2024-05-09T18:02:16Z dg43tfdfdgfd