Panic Attack vs Heart Attack: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में, तनाव और चिंता आम बात हो गई है. कई बार ये तनाव और चिंता इतनी बढ़ जाती है कि हार्ट अटैक या पैनिक अटैक जैसी गंभीर स्थितियां पैदा हो सकती हैं. दिल का दौरा और पैनिक अटैक दोनों ही अचानक होने वाली घटनाएं हैं, जो डर और बेचैनी पैदा कर सकती हैं. इनके लक्षणों में भी कुछ समानताएं होती हैं, जिसके कारण इनमें अंतर करना मुश्किल हो सकता है. ऐसे में इन दोनों के बीच का अंतर जानना बेहद जरूरी है.
हार्ट अटैक, जिसे मायोकार्डियल इंफार्क्शन (MI) भी कहा जाता है. यह एक गंभीर स्थिति है, जो तब होती है जब हार्ट की मांसपेशियों में ब्लड फ्लो रूक जाता या ब्लॉक हो जाता है. ब्लड फ्लो में रुकावट आमतौर पर कोरोनरी धमनियों में प्लाक जमा होने के कारण होती है, जो हार्ट को खून और ऑक्सीजन पहुंचाने वाली ब्लड वेसल्स हैं. प्लाक में वसा, कोलेस्ट्रॉल और कई पदार्थ जमा होते हैं, जो धीरे-धीरे धमनियों को सिकोड़ देते हैं और ब्लड फ्लो को रोकते हैं. इसके कारण दिल का दौरा पड़ने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है.
पैनिक अटैक, जिसे एक्यूट एंजाइटी एपिसोड भी कहा जाता है. यह एक खतरनाक अनुभव है, जो अचानक डर या घबराहट की भावनाओं को पैदा कर सकता है.इसके कारण दिल की धड़कन तेज हो सकती है. साथ ही सांस फूलना या शरीर कांपने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. पैनिक अटैक किसी भी समय, कहीं भी हो सकता है. यहां तक कि जब आप आराम कर रहे हों. यह 5 मिनट से लेकर 30 मिनट तक या उससे ज्यादा समय तक भी रह सकता है.
नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी को प्रदान करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह की किसी भी जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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