PHONEPE, GOOGLE PAY के लिए राहत भरी खबर, NCPI मार्केट कैप में करेगा देरी

भारत सरकार की ओर से ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म फोन पे और गूगल पे को बड़ी राहत मिलने वाली है. एनपीसीआई एक बार फिर मार्केट शेयर की समय सीमा निर्धारित करने में देरी करेगा. एनसीपीआई के अधिकारी बाजार एकाग्रता को में बारे में चिंताओं पर ग्रोथ को प्राथमिकता दे रहे हैं.

30 फीसदी तक सीमित करेगा मर्केट कैप

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई), अर्ध-नियामक, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए पेमेंट से जुड़े किसी भी कंपनी की बाजार हिस्सेदारी को 30 फीसदी तक सीमित करने के लिए इस साल के अंत में समय सीमा को दो साल तक बढ़ा देगा. इसकी पुष्टि सामाचार एजेंसी रॉयटर्स ने की है.

गूगल पे और फोन पे की बढ़ी हिस्सेदारी

एनपीसीआई के आंकड़ों के अनुसार, यूपीआई के जरिए पेमेंट में फोन पे की हिस्सेदारी अप्रैल 2020 में 37 फीसदी से बढ़कर 48.3% हो गई थी, जबकि Google Pay की हिस्सेदारी 44% से घटकर 37.4% हो गई है. आंकड़ों से पता चलता है कि दोनों ने अप्रैल में संयुक्त रूप से 11.5 बिलियन का ट्राजेक्शन किया.

इस बात से NCPI चिंतित

भारत ने साल 2016 में यूपीआई लॉन्च किया, लेकिन ऑनलाइन लेनदेन को बढ़ावा देने और एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में नकदी के उपयोग को कम करने के प्रयास में कंपनियों को इंस्टैंड डिजिटल पेमेंट सर्विस के चार्ज वसूलने से रोक दिया. लेकिन बैंक और मेटा के मालिकाना हक वाले व्हाट्सएप ने इस आक्रामकता के साथ नहीं आगे बढ़ाया, जिसकी एकाग्रता ग्रोथ लेकर अधिकारी चिंतित हैं.

फोन पे और गूगल पे को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा

NPCI की ओर से मार्केट कैप में होने वाले देरी का खासकर फायदा गूगल पे और फोन पे को मिलेगा, क्योंकि इन दोनों ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफार्म का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के मामले में PhonePe और Google Pay का काफी राहत मिलने वाली है.

2 साल के लिए बढ़ाया था मार्केट कैप

बता दें कि इससे पहले एनसीपीआई के पास भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से रेगुलेटरी मेंडेट हैं. एनसीपीआई ने साल 2020 में 30 फीसदी मार्केट कैप लागू करने की घोषणा की थी. एनसीपीसीआई ने 31 दिसंबर 2022 को मार्केट कैप की डेडलाइन तय की थी, लेकिन इसे लागू नहीं किया था और अगले 2 साल यानी 31 दिसंबर 2024 तक बढ़ा दिया था.

2024-05-09T12:30:07Z dg43tfdfdgfd