UJJAIN MAHAKAL MANDIR: महाकाल मंदिर में सोमयज्ञ का शुभारंभ, आरणी मंथन से प्रज्वलित की अग्नि

धर्म डेस्क, उज्जैन। Ujjain Mahakal Mandir: विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में शनिवार से छह दिवसीय सोमयज्ञ का शुभारंभ हुआ। सुबह यज्ञ के आचार्य व अग्निहोत्र दंपती यजमानों में भगवान महाकाल की पूजा अर्चना की। इसके बाद यज्ञशाला में विशिष्ट पद्धति से बनाए गए हवन कुंड में आरणी मंथन से अग्नि प्रज्वलित की गई। मंदिर समिति द्वारा आयोजित यह अनुष्ठान देश में सुवृष्टि, उत्तम खेती तथा आमजन की खुशहाली के लिए किया जा रहा है।

जनसंपर्क अधिकारी गौरी जोशी ने बताया सौमिक सुवृष्टि अग्निष्टोम सोमयज्ञ के प्रथम दिन सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर यज्ञाचार्य चैतन्य नारायण काले अग्निहोत्र दंपती केतन शाहने व विजय मनेरीकर ने भगवान महाकाल का पूजन अभिषेक किया। इसके बाद सुबह 9 बजे यज्ञ स्थल पर गणपति पूजन, पुण्यावाचन तथा आरणी मंथन के द्वारा हवन कुंड में अग्नि स्थापन किया गया। पश्चात अग्निहोत्र होम, संकल्प, प्रायश्चित, यज्ञवेदी प्रवेश की विधियां संपन्न कराई गई। शाम 5 बजे यज्ञ के यजमानों की दीक्षा विधि प्रारंभ हुई। यज्ञाचार्य ने उन्हें मंत्र दीक्षा, वाक् दीक्षा, दण्ड अजिन मेखला धारण आदि करवाकर यज्ञ में आहुति देने के लिए दीक्षित किया। शुद्धीकरण व दीक्षा के उपरांत दंपती अब यज्ञ की पूर्णाहुति तक यज्ञ स्थल पर ही रहेंगे। इस यज्ञ में अग्निहोत्र यजमान व चार वेद के ब्राह्मणों के अतिरिक्त किसी को भी शामिल होने की अनुमति नहीं है।

महाअनुष्ठान में आज से तीन दिन यह होगा

सोमयज्ञ में दूसरे , तीसरे व चौथे दिन प्रवर्ग्य नाम की विधि होती है। प्रवर्ग्य विधि में महावीर नामक मिट्टी के पात्र में देसी गाय का घी उबालकर उसमें गाय और बकरी का ताजा दूध निकालकर आहुति दी जाती है। उसमें से एक अत्यंत तेजस्वी अग्नि ज्योत अग्निस्तंभ के रूप में प्रकट होती है। यह धरती को सूर्य से जोड़ने की वैज्ञानिक प्रक्रिया कही जाती है।

संतों ने किया महाकाल का पूजन

सोमयज्ञ के शुभारंभ पर यज्ञाचार्य व अग्निहोत्र यजमानों द्वारा पूजन किए जाने के बाद साधु पूज्य स्वामी नृसिंह विजयेन्द्र सरस्वती, श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत श्री विनितगिरी, स्वांमी असंगानंद, स्वामी प्रणव पुरी, स्वामी शाम दादा, अक्षय कृषि परिवार के गजानन डागेजी ने भगवान महाकाल की पूजा अर्चना की।

आम भक्त कर सकते हैं यज्ञ के दर्शन

मंदिर प्रबंध समिति ने शहर की धर्मप्रिय जनता को सोमयज्ञ के दर्शन हेतु आमंत्रित किया है। यज्ञ स्थल पर परिक्रमा पथ का भी निर्माण किया गया है, जिससे श्रद्धालु यज्ञ की परिक्रमा कर पुण्य अर्जित कर सकते हैं।

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