आपदा से त्रस्त, अवसर पाकर मस्त

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। किसी ने सच ही कहा है कि जहां चाह है वहीं राह हैOacute;. यह पंक्ति बाढ़ पीडि़तों के लिए शहर के स्कूलों में बनाए गए आश्रय स्थलों पर परिवार संग रहने वाले बच्चों की सोच पर सटीक बैठती है. बाढ़ प्रभावित घर छोड़कर आश्रय स्थलों पर आते वक्त कुछ बच्चे किताब कॉपी लेकर आश्रय स्थल पहुंचे हैं. कुछ ऐसे भी है जो स्कूली बैग तक नहीं ला सके. अब ऐसे बच्चे आश्रय स्थल में बने स्कूल के ब्लैक बोर्ड पर न सिर्फ खुद बल्कि दूसरे बच्चों को पढ़ा रहे हैं. मुसीबत और आपदा में शिक्षा के लिए अवसर तलाशने वाले इन बच्चों की सोच का देख हर कोई प्रभावित है. यह उदाहरण महबूब अली इंटर कॉलेज बेली आश्रय स्थल पर मिला.

कोर्स रिवीजन भी हो रहा

बेली कछार के कई मोहल्लों में गंगा के बाढ़ का पानी घुस चुका है. दर्जनों ऐसे मकान हैं जिनके एक फ्लोर तक पानी भर गया है. ऐसे लोगों को सुरक्षित रहने के लिए महबूब अली इंटर कॉलेज बेली चौराहा को आश्रय स्थल बनाया गया है. यहां पर बेली कछार के बाढ़ प्रभावित करीब 77 परिवार बाल बच्चों संग घर गृहस्थी छोड़कर निवास कर रहे हैं. यहां रहने वाले व्यक्तियों की संख्या प्रशासनिक रजिस्टर पर 312 दर्ज है. मुसीबतों की बाढ़ से बच्चों के खिलौने और घर भले छूट गए हैं, मगर वह पढ़ाई इस आश्रय स्थल में भी जारी रखे हुए हैं. बेली की रिया, रीतेश, मानसी, बाबू आदि बच्चे शिक्षा की चाहत को ही खेल बना लिए हैं. स्कूल में पढऩे वाले बच्चे टीच-टीचर खेलकर व आश्रय स्थल स्कूल के ब्लैक बोर्ड चॉक से लिखकर जो पढ़े हैं उसकी प्रैक्टिस कर रहे हैं.

मस्ती का जरिया

वे उन दूसरे छोटे बच्चों को भी पढऩे का काम कर रहे हैं. इससे उनकी पढ़ाई व रिवीजन तो हो ही रहा है, आश्रय स्थल पर वक्त भी मस्त कट जा रहा है. बच्चों के इस प्रयास व पढ़ाई के प्रति चाहत देखकर मौजूद परिजन भी उनके हौसले को बढ़ाने में जुटे हैं.

चॉक दिलवा दीजिए

मासूम बालिका बेली कछार की रिया, शोभित, मानसी, दिव्यांशी आदि ने दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर से पढ़ाई में आने वाली समस्या का जिक्र किया. आग्रह किया कि अंकल, हमारी कॉपी किताब, पेंसल सब घर पर छूट गई है. वहां पानी भरा है जा नहीं सकते. यहां ब्लैक बोर्ड है, उस पर हम सब कम से कम जो आता है उसकी प्रैक्टिस कर लेते हैं. दूसरे बच्चों को भी पढ़ा लेते हैं. मगर, अब चाक भी नहीं, है. प्लीज अंकल जी चॉक दिलवा जीजिएगा.

चॉक, पेंशन व कॉपी प्रशासन से नहीं मिलती. रही बात चॉक व जो बच्चे कॉपी किताब लाए हैं उनके लिए पेंसल की तो उसके लिए हम शीर्ष अफसरों से बात करेंगे. फिलहाल चॉक की व्यवस्था हम अपने से करवा देंगे.

सुशील शुक्ला

प्रभारी आश्रय स्थल महबूब अली इंटर कॉलेज बेली

2024-09-18T20:00:02Z dg43tfdfdgfd