कलेजा चाहिये ईमान लाने के लिए

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। महमूद अब्बास द्वारा करैली स्थित जव्वादी के आवास पर जश्ने पैगम्बर व जश्ने जहरा की नातिया महफिल में शायरों ने एक से बढ़कर एक कसीदा पढ़ कर वाह वाही बटोरी. जव्वादुल हैदर रिजवी ने फजाएल पढ़े. अख्तर की तिलावत से महफिल का आगाज हुआ. शफकत अब्बास पाशा की निजामत में अन्जुमन ग़ुन्चा ए कासिमया बख्शी बाजार के सद्र रिजवान हैदर रिजवी ने पढ़ा, यह शामे जुदाई भी कयामत की घड़ी है तनहा हूं और अरमानों की एक भीड़ लगी है

शायरों ने बांधा शमा

बिलाल हैदर बाराबंकवी ने पढ़ा रसूल शाद हों जिससे वह काम करते हैं इमाम ए अस्र को झुक कर सलाम करते हैं मेंहदी मंझनपुरी ने अपने तास्सुरात का कुछ इस तरहा इज़हार किया. वारिसे नूर है वह नूरे मुजस्सम होगा उसके हाथों में अलमदार का परचम होगा तसवीर मुस्तफा ने कुछ इस तरहा पढ़ा. दोस्तों इस्लाम ले आना बड़ा आसान है पर कलेजा चाहिये ईमान लाने के लिए ऐहसान हैदर ने पढ़ा. मेरे आंसू नहीं तूफान समझिये इनको कश्तियां जिसने डूबो दी हैं सितमगारों की नायाब बलियावी ने पढ़ा. लब हो शब्बीर के गाजी का हो लहजा जैनब पर तब कोई जा के पढ़े तेरा कसीदा जैनब शायरों डॉ कमर आब्दी, नायाब बलियावी, रिजवान हैदर रिजवी, बिलाल बाराबंकवी, मेंहदी मंझनपुरी, एहसान हैदर, तस्वीर मुस्तफा आदि ने अपने अशआरों से महफिल में नूर की बारिश करते हुए दाद ओ तहसीन बटोरी. इस मौक़े पर आयोजक महमूद अब्बास द्वारा नजऱ व नियाज़ के साथ सभी के लिए दस्तरख्वान सजा कर खाना भी खिलाया गया. ज़ुलकरनैन आब्दी, मिर्जा अजादार हुसैन, अहसन रजा, हुसैन रजा, अकील रिजवी, मकसूद रिजवी, हैदर अली, सै. मो. अस्करी, असगर अली, मो. रजा, बाशू, शीबू, जहीर अब्बास नकवी, हसन टाईगर, यासिर मंज़ूर, जिब्रान रिजवी, अमन जायसी, सलमान मुस्तफा, शजीह अब्बास, जामिन हसन, शीराज, आबिद हुसैन, फैज, लख्ते असगर, ईशान, शम्सी, तय्याबैन आब्दी आदि शामिल रहे.

2024-09-18T20:00:02Z dg43tfdfdgfd