जटिल आपरेशन कर बचाई मरीज की जान

प्रयागराज (ब्यूरो)एसआरएन अस्पताल में एक गंभीर मरीज का जटिल आपरेशन कर उसकी जान बचाई गई. इस दौरान डॉक्टर्स ने घंटों चले आपरेशन के दौरान उसकी डैमेज हो चुकी छोटी आंत को निकालकर उसे बड़ी आंत से जोड़ दिया. इस कठिन आपरेशन के बाद अब मरीज स्वस्थ बताया जा रहा है.

क्या है मामला

औराई भदोही निवासी 42 वर्षीय आफताब की गाड़ी का एक्सीडेंट हाल ही में हुआ था, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस दौरान उनके दाहिने हाथ की हड्डी टूट गई और पेट में गंभीर चोटें आई. प्राथमिक इलाज के लिए नजदीक के अस्पताल ले जाया गया जहां पर चिकित्सकों ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उनको स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय प्रयागराज के लिए रेफर कर दिया.

सांस लेने में हो रही थी दिक्कत

ट्रामा सेंटर स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय प्रयागराज आने पर मरीज की स्थिति अत्यंत नाजुक थी. प्रारंभिक जांच में पता चला कि पेट में बहुत ज्यादा ब्लड भरा हुआ था और ब्लड प्रेशर बहुत लो हो गया था. साथ ही सांस लेने में भी समस्या हो रही थी. मरीज की गंभीरता को देखते हुए सर्जरी विभाग अध्यक्ष डॉ. वी.के. पांडेय की सलाह पर इमरजेंसी टीम के द्वारा एनेस्थीसिया विभाग से बातचीत के उपरांत तत्काल ऑपरेशन करने का निर्णय लिया गया.

आंतों में हो रही थी ब्लीडिंग

ऑपरेशन के दौरान पाया गया कि लगभग 5 फीट छोटी आंत कई जगह से फटी हुई थी और वहीं से रक्तस्राव हो रहा था. इस 5 फीट की आंत को रिपेयर कर पाना संभव नहीं था अत: इतने हिस्से को निकाल करके छोटी आंत को बड़ी आंत से जोड़ दिया गया. इसे चिकित्सकीय भाषा में एक्सप्लोरेटरी लैपराटमी प्लस रिसेक्शन और अनास्टोमोसिस कहते हैं. सर्जरी की टीम में डॉ सन्तोष सिंह के साथ डॉ.अत्रेय साहा, डॉ. सर्वेश मिश्रा डॉ.हर्ष, डॉ दीपक सम्मिलित रहे. ऑपरेशन के उपरांत मरीज की नाजुक स्थिति को देखते हुए एनेस्थीसिया विभाग की विभाग अध्यक्ष डॉ नीलम सिंह के निर्देश पर मरीज़ को आईसीयू में शिफ्ट किया गया एवं वेंटिलेटर पर रखा गया.

डिस्चार्ज कर दिया गया मरीज

दो दिन तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद मरीज की स्थिति में सुधार को देखते हुए मरीज को वेंटिलेटर से बाहर निकाला गया लेकिन मरीज को ऑब्जरवेशन के लिए आईसीयू में ही रखा गया. 5 दिनों के ऑब्जरवेशन के बाद मरीज की स्थिति में निरंतर सुधार होता रहा और धीरे-धीरे करके स्थिति सामान्य की तरफ बढ़ती गई. मरीज की स्थिति को सामान्य होता देख धीरे-धीरे करके उनको पहले तरल पदार्थ और बाद में संपूर्ण भोजन दिया जाने लगा और पूरी तरह से ठीक होने पर उनको सर्जरी विभाग से सामान्य स्थिति में डिस्चार्ज किया गया.

आपरेशन बेहद जटिल था. मरीज की पांच फीट लंबी छोटी आंत को काटकर निकाला गया और फिर इसे बड़ी आंत से जोड़ दिया गया. अब मरीज बिल्कुल ठीक है और उसे घर भेज दिया गया है.

डॉ. संतोष सिंह, सहायक आचार्य एवं ट्रामा सर्जन, सर्जरी विभाग एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज

2024-05-09T20:26:17Z dg43tfdfdgfd