फर्जी वोट की पहचान करेगी दो रुपए की रसीद

प्रयागराज ब्यूरो ।चुनाव के दौरान हर बार फर्जी वोटिंग की शिकायत होती है. स्थानांतरित या मृतकों की जगह पर कोई और वोट डालकर चला जाता है. ऐसे मामलों में फर्जी वोट को चैलेंज किया जा सकता है. इसके लिए प्रत्याशी या एजेंट को मौके पर दो रुपए की रसीद कटवानी होगी. इसके बाद संबंधित वोटर की जांच की जाएगी. फर्जी पाए जाने पर उसके खिलाफ पुलिस केस दर्ज कराया जाएगा.

किस प्रक्रिया के तहत करेंगे चैलेंज

लोकसभा चुनाव के पूर्व निर्वाचन आयोग द्वारा गाइड लाइन के तहत मतदान के दौरान यदि प्रत्याशी और एजेंट को फर्जी वोट डाले जाने की आशंका है तो वह इस नियम का लाभ ले सकता है. उसे इसकी सूचना पीठासीन अधिकारी को देकर शिकायत दर्ज करानी होगी. इसके बाद दो रुपए की रसीद कटवाकर वह सामने उपस्थित वोटर को चैलेंज कर सकता है. ऐसे में संबंधित वोटर को खुद को साबित करना होगा. अगर उसने साबित कर दिया कि वह असली वोटर है तो उसे डालने का मौका दिया जाएगा. जबकि फर्जी पाए जाने पर मतदाता पर कार्रवाई होगी और आपत्ति सही साबित होने की स्थिति में प्रत्याशी या एजेंट को दो रुपये वापस लौटा दिए जाएंगे.

आईपीसी की धारा के तहत होगी कार्रवाई

आईपीसी की धारा 171-डी के तहत कार्रवाई का प्रावधान इस नियम में किया गया है. भारतीय दंड संहिता में चुनाव प्रक्रिया के दौरान होने वाले अपराध और उनकी सजा को लेकर प्रावधान हैं. आईपीसी की धारा 171 डी में निर्वाचन के दौरान किसी और के नाम से वोट डालने की आपराधिक प्रक्रिया को परिभाषित किया गया है. नियमानुसार अगर कोई व्यक्ति किसी मृतक या जीवित व्यक्ति की जगह वोट डालता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर उसे हिरासत मं लिया जा सकता ह.

लंबी हो सकती है पूछताछ की प्रक्रिया

वोट चैलेंज होने पर पीठासीन अधिकारी मतदाता से उनका नाम, पिता का नाम, आयु, परिवार में कितने वोटर हैं सहित अन्य बिंदुओं पर पूछताछ करेगा. जवाबों से अगर पीठासीन अधिकारी संतुष्ट नहीं होते तो क्षेत्र के पार्षद, प्रधान या वार्ड सदस्य को बुलाकर संबंधित वोटर के बारे में पूछताछ की जा सकती है. इस दौरान वोटर को खुद के वैध होने संबंधी कागजात भी दिखाने होंगे.

प्रत्येक चुनाव में दर्ज होती है शिकायत

चुनाव के दौरान फर्जी वोटिंग न हो इसके लिए हर बार प्रत्याशी और उसके एजेंट प्रत्येक वोटर पर नजर रखते हैं. शक होने पर उनको रोका जाता है और इसके चलते विवाद की स्थिति भी बन जाती है. इससे बचने के लिए चुनाव आयोग ने यह गाइड लाइन बनाई है लेकिन कई बार जानकारी नही होने पर लोग इसका लाभ नही ले पाते हैं. निर्वाचन आयोग चाहता है कि कोई भी व्यक्ति किसी अनुपस्थित, मृतक या स्थानांतरित की जगह वोट न डालने पाए.

2024-05-03T18:55:27Z dg43tfdfdgfd