आईपीएल: बेयरस्टो और शशांक ने सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल कर ऐसे रचा इतिहास

जॉनी बेयरस्टो और शशांक सिंह की यादगार पारियों ने आईपीएल के मुकाबले में पंजाब किंग्स को आठ विकेट से जीत दिलाई. साथ ही सबसे सफल रन चेज़ का रिकॉर्ड भी बना दिया.

टी-20 क्रिकेट में दक्षिण अफ्रीका ने वेस्ट इंडीज के ख़िलाफ़ 259 रन का लक्ष्य पाने का रिकॉर्ड बनाया था.

अब आईपीएल में पंजाब किंग्स ने केकेआर के ख़िलाफ़ 262 रन का लक्ष्य पाकर इतिहास रच दिया है.

इस जीत से पंजाब किंग्स ने अगले चरण की अपनी उम्मीदों को बनाए रखा है.

इस मुकाबले में 42 छक्के लगाए जाने का रिकॉर्ड बना है. इनमें से पंजाब किंग्स ने 24 और केकेआर ने 18 छक्के लगाए.

बेयरस्टो और शशांक ने गेंदबाज़ों के उड़ाए होश

बेयरस्टो और शशांक ने जिस आक्रामक अंदाज में बल्लेबाज़ी की, उससे लगा कि उनके लिए 262 रन का लक्ष्य भी कोई मायने नहीं रखता है.

बेयरस्टो को दो मैचों में बाहर बैठाने से लगा कि शेर को जगा दिया गया है.

बेयरस्टो पहले छह मैचों में सिर्फ़ 96 रन ही बना सके थे.

इस ख़राब प्रदर्शन की वजह से उन्हें अगले दो मैचों में बाहर बैठाया गया. सफेद गेंद का ये बल्लेबाज़ इतना आहत हुआ कि उसने टीम में लौटते ही शतक ठोककर दिखा दिया कि वह क्या हैं.

आईपीएल में बेयरस्टो को अपना दूसरा शतक जमाने में सिर्फ़ 45 गेंदें लगीं. इसमें उन्होंने आठ चौके और आठ छक्के लगाए.

यह रन उन्होंने 222.22 की स्ट्राइक रेट से बनाए. उन्होंने मैच में 48 गेंदों में 108 रन बनाए, जिसमें आठ चौके और नौ छक्के शामिल रहे.

शशांक की पारी भुलाए नहीं भूलेगी

शशांक सिंह ने इस सीजन में अपने प्रदर्शन से दिखाया है कि वह पैसा वसूल खिलाड़ी हैं.

पंजाब किंग्स को 262 रन का लक्ष्य मिलने पर बेयरस्टो और प्रभसिमरन सिंह से मज़बूत शुरुआत मिली. फिर रूसो के मूमेंटम बनाए रखने के बाद शशांक ने अपने आक्रामक अंदाज़ से ईडन गार्डन में मौजूद दर्शकों का मन ही नहीं मोहा बल्कि पंजाब को आठ गेंदों के बाकी रहते लक्ष्य तक पहुंचा दिया.

शशांक ने जिस अंदाज़ में गेंदबाज़ों की धुनाई की, उससे लगा कि केकेआर के गेंदबाज यह समझ ही नहीं पा रहे थे कि वह गेंद को डालें तो डालें कहां?

हर्षित राणा को स्लोअर गेंद के अच्छे इस्तेमाल के लिए जाना जाता है. पर शशांक ने उनके फेंके ओवर में लगातार दो छक्के लगाकर अपना अर्धशतक पूरा किया.

शशांक इससे पहले छठे-सातवें नंबर पर खेल रहे थे. पर टीम प्रबंधन ने उन्हें चौथे नंबर पर खिलाने का फैसला किया और वह इस भूमिका में पूरी तरह से सफल साबित हुए.

उन्होंने दो विकेट गिरने के बाद आने के बाद पूरी जिम्मेदारी खुद संभाल ली.

बेयरस्टो के साथ बनी तीसरे विकेट की 84 रनों की साझेदारी में 68 रन शशांक के बनाने से इसमें उनके दबदबे को आसानी से समझा जा सकता है.

शशांक को इस प्रारूप का बेहतरीन खिलाड़ी माना जाता है, क्योंकि उनके पास हर तरह की गेंदों को मैदान से बाहर फेंकने की ताकत है.

वह कई बार सही पोजिशन में आकर इस तरह के शॉट खेल जाते हैं, जिन्हें देखकर हैरत होती है. उन्होंने मात्र 28 गेंदों में दो चौकों और आठ छक्कों से 68 रन बनाकर जीत में अहम भूमिका निभाई.

जीत की बुनियाद रखने वाले प्रभसिमरन

इस सीजन में पंजाब किंग्स जिस तरह से अच्छा लड़कर आखिर में लड़खड़ाती रही है, उससे उसके लिए 262 रन के लक्ष्य को मुश्किल माना जा रहा था.

पर प्रभसिमरन ने शुरुआत से ही तेज़ी से रन बनाने का सिलसिला बनाकर टीम में इस लक्ष्य को पाने का भरोसा बनाया.

प्रभसिमरन बहुत विस्फोटक अंदाज में खेलने वाले माने जाते हैं पर इस सीजन में बड़ी पारियां नहीं खेल पा रहे थे. लेकिन इस मैच में उनके खेलने के अंदाज से लगा कि वह मैच को अपने पक्ष में मोड़ने के इरादे से उतरे हैं.

उन्होंने 20 गेंदों में 270 की स्ट्राइक रेट से खेलकर 54 रन बनाए, जिसमें चार चौके और पांच छक्के शामिल रहे. पर वह एक गलत फैसले की वजह से रन आउट हो गए.

अनुकूल रॉय के ओवर में पहली पांच गेंदों पर बेयरस्टो तीन चौके और दो छक्कों से 24 रन बना चुके थे. इसलिए जोखिम भरा रन लेने की कोई वजह नहीं थी.

इस तरह के फैसले से बचकर प्रभसिमरन का विकेट बचाया जा सकता था.

गेंदबाज़ी साबित हो रही है कमज़ोर पक्ष

केकेआर को इस सीजन में ख़िताब जीतने का दावेदार माना जा रहा है, लेकिन कमज़ोर गेंदबाजी उसके अभियान को पटरी से उतार सकती है.

उन्होंने अपने अटैक को मज़बूती देने के लिए मिशेल स्टार्क को लेने के लिए धन बहा दिया था. पर वह कभी अपनी पूरी रंगत में नहीं दिखे और अब चोटिल होकर बाहर बैठे हैं.

हम आज के गेंदबाज़ी प्रदर्शन की बात करें तो सुनील नारायण के अलावा कोई भी गेंदबाज प्रभावित करने में सफल नहीं हो सका. स्टार्क की जगह टीम में आए दुशमंता चामीरा ने तीन ओवरों में ही 48 रन दिए.

पिछले मैचों के सफल गेंदबाज हर्षित राणा ने तो चार ओवरों में 61 रन दे दिए.

इरफान पठान कहते हैं कि केकेआर को अगर ख़िताब जीतने की राह पर बढ़ना है तो उन्हें अपने गेंदबाज़ी आक्रमण को थोड़ा कसना होगा, वरना उनका अभियान पटरी से उतर सकता है.

सीजन की सर्वश्रेष्ठ साझेदारी भी नहीं आई काम

सुनील नारायण और फिलिप साल्ट ने सीज़न की सर्वश्रेष्ठ ओपनिंग साझेदारी बनाकर केकेआर को 261 रन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई.

इससे पहले लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए केएल राहुल और डिकॉक के नाम 134 रन की साझेदारी का रिकॉर्ड था. लेकिन यह साझेदारी भी टीम को जीत तक नहीं पहुंचा सकी.

सुनील नारायण ने इस सीजन में अपने अंदाज़ से सभी को प्रभावित किया है. पर इसमें केकेआर के मेंटर गौतम गंभीर की भूमिका अहम है.

सुनील कहते हैं कि गंभीर के आने से मेरा भरोसा बढ़ा है. वह कहते हैं कि गंभीर ने मुझसे पारी की शुरुआत करने के लिए कहा और कहा कि अगर चार-पांच मैचों में भी अच्छी शुरुआत कर सके तो प्रयोग सफल है.

नारायण के चाहर की गेंद पर कैच होने से यह साझेदारी टूटी. पर तब तक वह अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभा चुके थे.

उन्होंने 32 गेंदों में 221 की स्ट्राइक रेट से 71 रन बनाए, जिसमें नौ चौके और चार छक्के लगाए.

जहां तक बात साल्ट की है तो वह जेसन राय की जगह आख़िरी समय में टीम में शामिल किए गए और वह अपना सिक्का जमाने में सफल रहे हैं.

उन्होंने 202 की स्ट्राइक रेट से 75 रन बनाए, जिसमें छह चौके और छह छक्के शामिल रहे. साल्ट का भी यह इस सीजन का तीसरा अर्धशतक है.

केकेआर के कप्तान श्रेयस अय्यर ने मध्य ओवरों में रन गति थोड़ी कम होने पर आते ही तीन छक्के लगाकर पारी को फिर से मूमेंटम दिला दिया पर उनका यह प्रयास भी टीम को जीत तक नहीं पहुंचा सका.

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