ANANTNAG RAJOURI LOK SABHA: जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी सीट पर क्यों मचा है बवाल? महबूबा और उमर अब्दुल्ला ने चुनाव आयोग से की ये मांग

Anantnag Rajouri Lok Sabha: जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग-रजौरी में होने वाले लोकसभा चुनाव को क्या टाल दिया जाएगा? इसको लेकर राज्य में अटकलें लगाई जा रही हैं। इस बीच, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने इस लोकसभा सीट पर मतदान स्थगित नहीं करने की मांग चुनाव आयोग से की है।

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र में चुनाव टालने की साजिश रची जा रही है, ताकि उन्हें संसद से बाहर रखा जा सके। महबूबा ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि इस तरह का कदम अगर उठाया गया तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं।

महबूबा मुफ्ती ने कहा, “मैं चुनाव आयोग और एनडीए सरकार दोनों से अपील करती हूं कि वे मतदान से दस दिन पहले चुनाव टालने जैसे किसी भी दुस्साहस में शामिल न हों।”

महबूबा मुफ्ती चुनाव आयोग की ओर से जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और मुख्य सचिव को गुरुवार रात भेजे गए पत्र का जिक्र कर रही थीं, जिसमें कहा गया था कि मुगल रोड बंद होने के कारण चुनाव प्रचार में आ रही कठिनाइयों के कारण कुछ दलों ने चुनाव स्थगित करने की मांग की है।

महबूबा के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला भी पीडीपी चीफ की बात का समर्थन किया। साथ ही चुनाव आयोग से चुनाव स्थगित न करने की अपील की।

अनंतनाग-राजौरी सीट से पार्टी के उम्मीदवार मियां अल्ताफ लाहरवी के साथ मीडिया से बात करते हुए उमर ने कहा, “सीट से चुनाव लड़ने वालों की ओर से अनुरोध नहीं आया है। सड़क खुली है और अगर बारिश भी हो तो उस पर यात्रा करना ज्यादा मुश्किल नहीं है। हम अपनी आपत्तियों के साथ चुनाव आयोग को एक पत्र भेज रहे हैं।

उन्होंने सवाल किया कि अगर प्रशासन कारगिल, माछिल और गुरेज़ की सड़कों को खुला रख सकता है, तो “कोई कारण नहीं है कि मुगल रोड को भी खुला नहीं रखा जा सकता, जब तक कि प्रशासन इस निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी जनादेश में हेरफेर करने की साजिश में शामिल न हो”।

जम्मू-कश्मीर में सीटों के परिसीमन के बाद अनंतनाग-राजौरी निर्वाचन क्षेत्र की सीमाओं को फिर से तैयार किया गया, पारंपरिक अनंतनाग निर्वाचन क्षेत्र को पीर पंजाल के माध्यम से और राजौरी और पुंछ तक विस्तारित किया गया। दोनों क्षेत्र मुगल रोड से जुड़ते हैं जो मौसम के अनुसार खुला रहता है।

उमर ने कहा कि हमें उस निर्वाचन क्षेत्र की सीमाएं चुनने का अधिकार नहीं है जहां हम लड़ रहे हैं। अन्यथा, हम सभी इस विशेष निर्वाचन क्षेत्र की सीमा के तर्क को समझने में असफल हो जाते हैं। यह कुछ ऐसा है जिसका उत्तर केवल परिसीमन आयोग ही दे सकता है।’

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पीके पोल और मुख्य सचिव अटल डुल्लू से सड़क, मौसम और पहुंच संबंधी बाधाओं और तीन उम्मीदवारों और कुछ राजनीतिक दलों द्वारा दायर अलग-अलग अभ्यावेदन में उल्लिखित अन्य बिंदुओं पर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

यह अभ्यावेदन भाजपा के जम्मू-कश्मीर अध्यक्ष रविंदर रैना, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के प्रमुख सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी, इमरान रजा अंसारी (पीपुल्स कॉन्फ्रेंस), वकील मोहम्मद सलीन पारे, और अली मोहम्मद वानी, अर्शीद अली लोन और दोनों निर्दलीयों द्वारा दायर किया गया है।

ज्ञापनों पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए मुफ्ती ने कहा कि मैं खुद गुरुवार को अनंतनाग से मुगल रोड होते हुए पुंछ आई हूं। उन्होंने बताया कि सड़क, जो मई में वाहनों के आवागमन के लिए खोली जाती थी, इस बार आगामी संसदीय चुनावों के मद्देनजर 8 अप्रैल से खोली गई है।

यह इंगित करते हुए कि चुनाव स्थगित करने की मांग करने वाली पार्टियां भाजपा द्वारा समर्थित हैं। पीडीपी नेता ने कहा, “भाजपा एक अमीर पार्टी है और उनके पास पैसा है। वे उम्मीदवारों को ले जाने के लिए एक हेलिकॉप्टर किराए पर ले सकते हैं।

महबूबा ने कहा, ”हम पिछले 20-25 दिनों से प्रचार कर रहे हैं और हमारे कार्यकर्ता अपनी जेब से खर्च कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, ”अगर आप इसमें देरी करते हैं तो हमारे लिए (चुनाव लड़ना) संभव नहीं है।”

13 अप्रैल को ताजा बर्फबारी के बाद मुगल रोड को बंद कर दिया गया था। सूत्रों ने कहा कि पिछले तीन दिनों से इसे आंशिक रूप से खोला गया है। सड़क के फिर से खुलने के साथ मुफ्ती चुनाव प्रचार के लिए पीर पंजाल क्षेत्र का दौरा करने वाली कश्मीर की ओर से पहली राजनेता बन गई हैं।

बता दें, अनंतनाग संसदीय क्षेत्र में 21 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें प्रमुख हैं पूर्व मंत्री और प्रमुख गुर्जर नेता मियां अल्ताफ (नेशनल कॉन्फ्रेंस), जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के जफर मन्हास और वकील मोहम्मद पारे (डीपीएपी)।

भाजपा ने इन अटकलों के बावजूद निर्वाचन क्षेत्र में कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है कि राजग सरकार द्वारा सीमावर्ती राजौरी और पुंछ जिलों में रहने वाले पहाड़ी जातीय समूहों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के बाद उसके पास एक मौका है। डीपीएपी अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद के संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने के फैसले के बाद कई लोगों का मानना है कि अगर अनंतनाग में चुनाव पुनर्निर्धारित हुआ तो भाजपा अपना उम्मीदवार उतार सकती है।

2024-04-26T16:46:40Z dg43tfdfdgfd